छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना को लेकर में विपक्ष का हंगामा, सदन कल तक स्थगित
HNS24 NEWS December 14, 2021 0 COMMENTSरायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों की वित्तीय और भौतिक स्थिति के बारे में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रांश की राशि उपलब्ध नहीं कराई इसके कारण इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण भी इसका टारगेट कम किया गया था, लेकिन केंद्र के द्वारा राज्य को 20 हजार करोड़ से अधिक की राशि नहीं दिए जाने के कारण प्रदेश में 2.37 लाख मकान का निर्माण अधूरा है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ठ विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने राज्यांश की राशि उपलब्ध नहीं कराई इसके कारण इन आवासों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। विपक्ष ने पूरे मामले में सदन की कमेटी बनाकर जांच की मांग करते हुूए विधानसभा के बेल में प्रवेश कर नारेबाजी की। विधानसभा काय्र संचालन नियम के तहत बेल में आए सभी भाजपा के विधायक स्वयंमेव निलंबित हो गए। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी।
प्रश्रकाल में यह मामला भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया। उन्होंने पूछा कि पीएम आवास योजना के तहत हितग्राहियों को वर्ष 2019-20 ओर 2020-21 की कितनी किश्त दी गई। हितग्राहियों को यह राशि राज्य सरकार ने क्यों उपलब्ध नहीं कराई। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि यह योजना वर्ष 2016-17 से शुरू की गई थी। योजना के अंतर्गत राज्य को जो टारगेट दिए गए थे उसमें 7 लाख 81 हजार 999 हितग्राहियों को आवास आबंटित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे भारत सरकार के द्वारा वापस ले लिया गया। राज्य सरकार के द्वारा लक्ष्य का निर्णय विचाराधीन होने के कारण केंद्रांश एवं राज्यांश की आवश्यकता का आंकलन करना संभव नहीं है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण राज्यांश की राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2021 की स्थिति में वर्ष 2019-20 मेें राज्यांश के 762 करोड़ ओर केंद्रंाश की 1144 करोड़ की राशि की आवश्यकता थी। इसके विरूद्ध राज्यांश अप्राप्त है और केंद्रांश की राशि लगभग 843 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। वर्ष 2020-21 में राज्यांश के 800 करोड़ और केंद्रांश की राशि करीब 1200 करोड़ की आवश्यकता थी। दोनों की राशि अप्राप्त होने के कारण आवास निर्माण नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 का लक्ष्य केंद्र सरकार के द्वारा वापस ले लिया गया। जिसके कारण केंद्रांश और राज्यांश की राशि का गणना करना संभव नहीं है।
केंद्र राशि दे तो पूरा होगा निर्माण
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस मामले कहा कि ढाई लाख से अधिक मकान अधूरे बने हैं जो जर्जर हो रहे हैं। हितग्राहियों के शेष किश्त कब तक देंगे। मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रदेेश में लगभग 2 लाख 74 हजार मकान अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि पूराना बैकलॉक भी था। फंड केी कमी के कारण हितग्राहियों को किश्त जारी नहीं हो सके। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के 20 हजार करोड़ से अधिक की राशि रोकी है, अगर वह मिल जाए तो योजना पर कार्य पूरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपनी तरफ से 761 करोड़ का लोन लेने पर विचार जिसकी प्रक्रिया पूरी होने को है।
सरकार से पूछे तीखे सवाल
विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार से फंड नहीं मिलने पर राज्य सरकार उसकी सभी योजनाओं को वापस कर देगी। चंद्राकर का कहना था कि देश भर में ऐसा पहली बार हो रहा है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और विधायक मोहन मरकाम ने इसका आक्रामक जवाब दिया। उनका कहना था, भाजपा विधायक को यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए। मंत्री रविंद्र चौबे ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है।
बसपा विधायक ने पूछा, इसमें गरीबों की क्या गलती
बहुजन समाज पार्टी के विधायक केशव चंद्रा ने कहा, जनता को इससे क्या मतलब कि पैसा कौन देगा। केंद्र सरकार देगी कि राज्य सरकार देगी। या फिर दोनों मिलकर देंगे। उनका घर बनना है। फंड की कमी के नाम पर उनका घर नहीं बन रहा है। जिन लोगों ने कर्ज लेकर घर बनवा लिया उनको बकाया किश्त नहीं मिल रही है। इसमें उनकी क्या गलती है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार से फंड की व्यवस्था करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और उसे वह पूरा करना चाहिए।
अगले साल से 14 दिसंबर को विधानसभा में छुट्टी
दूसरे दिन का कामकाज शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, 14 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा की विधिवत स्थापना हुई थी। दूसरे राज्यों में स्थापना दिवस पर अवकाश और उत्सव आदि का प्रावधान है। इस साल तो नहीं हो पाया। अगले साल से 14 दिसंबर को विधानसभा सचिवालय में अवकाश घोषित किया जाता है। दूसरे कार्यक्रमों के लिए चर्चा कर तय किया जाएगा।
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