November 22, 2024
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने नक्सलियों के दबाव में सिलगेर के पुलिस गोलीचालन में मृत आदिवासी किसानों द्वारा मुआवजा नहीं लेने संबंधी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान को बेहद बचकाना और हास्यास्पद बताया है।  साय ने कहा कि तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए अपनी व्यक्तिगत सम्पदा मानकर प्रदेश का ख़ज़ाना दूसरे प्रदेश में लुटाती अपनी प्रदेश सरकार के निकम्मेपन का ऐसा शर्मनाक बचाव करने का संभवत: यह पहला चापलूसीभरा उपक्रम छत्तीसगढ़ में हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते मरकाम को अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री से कम-से-कम यह तो पूछना ही चाहिए था कि आख़िर प्रदेश के ख़ज़ाने को बिना कैबिनेट व प्रदेश की विधायिका के अनुमोदन के उत्तरप्रदेश में किस मद के तहत लुटा रहे हैं?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम का अपनी नाकारा प्रदेश सरकार का बचाव करना बेहद हैरतभरा और ग़ैर-ज़िम्मेदाराना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यह बताएँ कि अगर प्रदेश सरकार सचमुच आदिवासी किसानों को मुआवजा देती तो नक्सलियों की क्या बिसात कि वे प्रदेश सरकार के काम में आड़े आएँ? क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यह मानते हैं कि प्रदेश सरकार नक्सलियों की इच्छा से संचालित हो रही है? क्या नक्सलियों के सामने प्रदेश सरकार आत्म-समर्पण की मुद्रा में घुटनों पर रेंगने को मज़बूर है? श्री साय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कहीं यह तो नहीं कहना चाहते कि प्रदेश सरकार और ‘अंदर वाले’ नक्सली मिली-जुली नूरा-कुश्ती करते हुए प्रदेश में अपने-अपने सत्ता-केंद्रों का बँटवारा कर लिया है कि ‘अंदर तुम सम्हालो और बाहर हम सम्हालते हैं!’ नक्सलियों और कांग्रेस के लोगों का दोस्ताना तो कई मौक़ों पर जगज़ाहिर होता आया है, लेकिन इस दोस्ताने को जिस तरह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने परिभाषित किया है, उस बेशर्मीभरे बयान की शायद ही कोई और मिसाल देखने-सुनने को मिली है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  साय ने कहा कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर में मृत लोगों को मुआवजा देने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा को लेकर जब क़रारे सवाल उठे तो अब प्रदेश सरकार और कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आई है और अब भी वह यह झूठ ही फैला रही है कि प्रदेश सरकार तो सिलगेर के मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने को तैयार है, नक्सलियों के दबाव में वे ही मुआवजा नहीं ले रहे हैं।  साय ने सवाल किया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम अव्वल तो यह बताएँ कि सिलगेर के आदिवासी किसानों को मुआवजा देने की सुध प्रदेश सरकार को अब क्यों आई है? इससे पहले तक मुख्यमंत्री बघेल यह कहकर आदिवासी किसानों का खुले तौर पर अपमान करते रहे कि उन्होंने मुआवजा मांगा नहीं, इसलिए दिया नहीं। क्या कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने मुख्यमंत्री बघेल के इस कथन पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई?  साय ने कहा कि अब कांग्रेस अपनी चमड़ी बचाने के लिए नित-नए ज़ुबानी जमा-ख़र्च कर रही है।

HNS24 NEWS

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