पंडो जनजाति पर लगातार हो रहे प्रहार पर केंद्रीय मंत्री ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया
HNS24 NEWS September 26, 2021 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने सरगुजा संभाग के बलरामपुर ज़िले के वाड्रफनगर ब्लॉक स्थित बैकुंठपुर गाँव में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र व विशेष संरक्षित पण्डो जनजाति के 22 लोगों के मकान को तोड़फोड़ कर ध्वस्त किए जाने की घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। सिंह ने कहा कि यह घटना प्रदेश सरकार के उन तमाम दावों पर क़रारा तमाचा है, जिनकी दुहाई दे-देकर प्रदेश सरकार आदिवासियों की हितरक्षक होने और छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने का ज़ुबानी जमाख़र्च करती फिरती है।
केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस ने सत्ता सम्हाली है, प्रदेश के अमनपसंद ग़रीब आदिवासियों को जीना तो दुभर हुआ ही है, प्रदेश सरकार के दबाव में अधिकारी-कर्मचारी भोले-भाले आदिवासियों तक को नहीं बख़्श रहे हैं। पिछले चार माह के दौरान इस विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के आदिवासी जिस तरह आपदाओं से जूझ रहे हैं, उससे साफ़ है कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी की संवेदनाओं को काठ मार गया है। सिंह ने कहा कि अशिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव और आर्थिक बदहाली से जूझते पंडो जनजाति के 23 लोगों की मौत के बाद भी प्रदेश सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। रोज दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते इन आदिवासियों से घूस वसूलते अपने नुमाइंदों की करतूत पर प्रदेश सरकार को आख़िर कब शर्म महसूस होगी?
केंद्रीय राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आदिवासियों को वनभूमि का पट्टा देने का सियासी ढोल तो ख़ूब पीट रहे हैं, लेकिन ज़मीनी सच इन दावों की पोल खोल रहे हैं। 20 सालों से वनभूमि पर काबिज़ पण्डो जनजाति के लोगों के साथ वन विभाग के नुमाइंदे कितनी निर्दयता से पेश आ रहे हैं, बैकुंठपुर गाँव की यह घटना इसका जीता-जागता नमूना है। इन आदिवासियों को उक्त भूमि पर काबिज़ रहने देने के लिए सालों से वन विभाग के नुमाइंदे बतौर रिश्वत बकरा-मुर्गा लेकर अपना गर्हित आचरण प्रदर्शित करते रहे हैं। सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच कर सभी दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
केंद्रीय राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि वन विभाग के आला अफ़सर अब अपने विभागीय नुमाइंदों की करतूत को न्यायसंगत बताकर मामले में लीपापोती की शर्मनाक हरक़त करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। विभागीय नुमाइंदों की बदनीयती और घूसखोरी का यह साफ़ प्रमाण है कि पण्डो जनजाति के लोगों के आशियाने उजाड़ने से पहले उन्होंने आदिवासियों के मोबाइल ले लिए ताकि उनकी इस करतूत का कोई वीडियो बनाकर वायरल न कर दे। इतना ही नहीं, तोड़फोड़ कर रहे विभागीय नुमाइंदों पर दिलबसो पण्डो, अनिता पण्डो, देवमुनि पण्डो, जागेश्वर और मानसिंह के साथ मारपीट करने का आरोप भी है। श्रीमती सिंह ने कहा कि पण्डो जनजाति के लोगों की मौतों और उनके आशियाने उजाड़ने की ताज़ा वारदात को लेकर वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत करेंगीं। श्रीमती सिंह ने मुख्यमंत्री पद के दावेदार स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि सत्ता लोलुपता के सियासी ड्रामे में मशगूल मंत्री सिंहदेव को पण्डो जनजाति के साथ हो रहे अन्याय की सुध ही नहीं रह गई है।
RELATED ARTICLES
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
Recent Posts
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
- सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
- मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
- सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
- मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म