November 22, 2024
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चित्रा पटेल : रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि समितियों में शेष धान का उठाव दस दिन में पूरा कर लिया जाए। समितियों में लगभग 70 हजार मीट्रिक टन धान उठाव के लिए शेष है, जो करीब पौने दो सौ करोड़ का होता है। इनमें कवर्धा में 24 हजार, महासमुंद में 16 हजार और राजनांदगांव जिले के समितियों में लगभग 12 हजार मीट्रिक टन धान उठाव के लिए शेष है। समितियों में शेष धान उठाव की मॉनिटरिंग करने अधिकारियों से कहा गया है। उन्होंने खरीफ वर्ष 2021-22 के लिए धान की खरीदी की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए है।
मंत्री भगत ने अपने निवास कार्यालय में खाद्य विभाग के अफसरों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक ली। अधिकारियों ने बताया, समर्थन मूल्य में इस साल 92.02 लाख टन धान की खरीदी में से 91.32 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव समितियों से हो गया है। समितियों में लगभग 70 हजार मीट्रिक टन धान उठाव के लिए शेष है। वहीं आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी के लिए लगभग 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी। केन्द्र सरकार द्वारा चावल उर्पाजन हेतु 1.79 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किए जाने की सहमति दी गई है। राशन दुकानों और मिलरों से भी बारदाना लिया जाएगा। बारदाने की संभावित कमी को देखते हुए 1.61 लाख गठान बारदानों की पूर्ति खुली निविदा से जूट-एचडीपीई बैग के माध्यम से करने की योजना है।
79 प्रतिशत चावल जमा
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम में निर्धारित लक्ष्य 24 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने के विरूद्ध 17.77 लाख मीट्रिक टन और नान में 30.75 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने के विरूद्ध 25.44 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। यह कुल जमा कराए जाने वाले चावल का 79 प्रतिशत है। मंत्री ने कस्टम मिलिंग में तेजी लाते हुए शेष चावल शीघ्र जमा कराने के निर्देश दिए।
गाइडलाइन के अनुसार भंडारण कराएं
नान के अधिकारियों ने बताया, सार्वभौम पीडीएस के लिए उनके पास दो माह का राशन भण्डारित है। खाद्य गाइडलाइन के अनुसार पीडीएस के लिए तीन माह का राशन भण्डारण होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि इसे ध्यान में रखकर भंडारण कराएं। कुछ जिलों में एक से डेढ़ माह का भण्डारण है। दुर्गम और दूरस्थ स्थानों में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने मार्कफेड के अधिकारियों को सार्वभौम पीडीएस के लिए शेष एक महीने के राशन भण्डारण के लिए भी चावल उपलब्ध कराने कहा। जहां राशन की कमी है वहां तत्काल राशन उपलब्ध कराएं।

प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में से आधे से कम का हुआ निराकरण
0 1.91 लाख टन का उठाव अब भी शेष
0 कस्टम मिलिंग के लिए मिलर कर रहे उठाव
रायपुर। प्रदेश की 23 सौ से अधिक धान खरीदी केंद्रों में से मात्र 41 प्रतिशत केंद्रों के धान के निराकरण की जानकारी आई है। शेष केंद्रों में धान का उठाव पूरा नहीं हो पाने के कारण अभी इसका निराकरण नहीं हो पाया है। खरीदी केंद्रों में अभी भी 1.91 लाख टन धान का उठाव शेष है। वहां से धान का उठाव संग्रहण केंद्रों, मिलर और क्रेताओं के माध्यम से किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग के लिए उठाए जाने वाले धान को लेकर मिलरों में प्रदाय किया गया, जिसका उठाव जारी है। कई केंद्रों में मौसम और बारिश के कारण उठाव में देरी हो रही है।
खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए खरीदे गए धान का उठाव अब भी पूरा नहीं हो पाया है। दंतेवाड़ा, कोरबा और जशपुर जिलों के खरीदी केंद्रों से उठाव पूरा कर लिया गया है। शेष 25 जिलों खरीदी केंद्रों में धान बचा हुआ है। मार्कफेड के अधिकारियों ने बताया, 97 प्रतिशत से अधिक के धान का उठाव पूरा कर लिया गया है। जहां पर धान बचा है उसे लेकर समितियों को जल्द उठाव का रिपोर्ट देने कहा गया है। सभी समितियों के लेखा का मिलान करने के बाद शार्टेज धान का आंकलन किया जाएगा। समितियों को उसके आधार पर मिलने वाली राशि का समायोजन किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया, एफसीआई और नान में चावल जमा करने का कार्य भी किया जा रहा है। सितंबर तक केंद्रीय पुल का चावल जमा किया जाना है, उसे भी समय पर पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं संग्रहण केंद्रों में 22.38 लाख टन और मिलरों को 58.97 लाख टन धान का उठाव किया गया है। नीलामी से बेचे गए धान के एवज में क्रेताओं ने 8.75 लाख टन का उठाव कर लिया है। बारिश की वजह से कई स्थानों पर धान के उठाव में देरी हुई है।
इन जिलों के खरीदी केंद्रों में इतना धान
विभाग की ओर से बारिश के पहले धान का उठाव करने के निर्देश के बाद भी परिवहन आदेश समय पर जारी नहीं होने के कारण एठाव नहीं हो पाया। इनमें कवर्धा में सबसे अधिक 3 लाख क्विंटल, महासमुंद में ढाई लाख क्विंटल, राजनांदगांव में 2.41 लाख क्विंटल, बेमेतरा में 1.76 लाख क्विंटल, मुंगेली में 1.24 लाख क्विंटल और सबसे कम 1660 क्विंटल धान का उठाव सुकमा में शेष है।
एफसीआई में 7 लाख टन शेष
खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी ने बताया कि धान की मिलिंग का कार्य चल रहा है। एफसीआई को 24 लाख टन चावल देना है। अब तक 17 लाख टन जमा किया जा चुका है। लगभग 7 लाख टन और नान में करीब 3 लाख टन चावल जमा करना शेष है। 30 सितंबर तक चावल जमा करना है, इसे पूरा कर लिया जाएगा।

सहकारी समितियों में ‘मिलान’, 94.60 करोड़ का धान शार्टेज
0 962 समितियों में 37 हजार 840 क्विंटल धान की कमी
0 स्टॉक मिलान में चार जिलों में एक प्रतिशत से अधिक का शार्टेज
रायपुर/ छत्तीसगढ़ की सहकारी समितियों में धान के उठाव के साथ ही उसका मिलान शुरू हो गया है। प्रदेश के चार जिलों की समितियों में सूखत एक प्रतिशत से अधिक पाई गई है। शेष जिलों में सूखत एक प्रतिशत से कम है। धान के उपार्जन के लिए जारी किए गए निर्देश के अनुसार समितियों में सूखत 1 प्रतिशत तक ही मान्य है। प्रदेश में अब तक 962 समितियों के आंकड़े जारी किए गए हैं, जहां पर 37 हजार 840 टन धान शार्टेज पाया गया है, इससे करीब 94.60 करोड़ रुपए के घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है।
प्रदेश की 2311 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी के बाद मार्कफेड ने करीब 90.02 लाख टन का उठाव कर लिया है। खरीदी केंद्रों से अभी भी 1.91 लाख धान का उठाव नहीं हो पाया है। जिन समितियों में धान का उठाव पूरा हो गया है, वहां शार्टेज का आकलन किया जा रहा है। विभाग की ओर से बारिश के पहले धान का उठाव पूरा करने के लिए समितियों को निर्देश दिए गए थे। समितियों द्वारा वहां रखने की जगह के अनुसार परिवहन का प्रयास किया गया। वहीं डीएमओ द्वारा भी परिवहन के आदेश जारी किए जाते रहे। समितियों से परिवहन को लेकर आदेश दिए जाने पर रोक लगाने के बाद कई समितियों में गर्मी के समय उठाव नहीं होने से सूखत बढ़ी है।
सूखत पर विवाद की स्थिति
समितियों को एक क्विंटल धान पर रखरखाव और अन्य खर्च मिलाकर करीब 52 रुपए दिए जाते हैं। सूखत के एक प्रतिशत होने पर समितियों से दिए जाने वाली राशि से कटौती का प्रावधान है। समितियों ने इसे लेकर कहा जा रहा है कि समिति स्तर पर परिवहन में रोक के कारण उठाव में देर हुई, समिति इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। धान शार्टेज की राशि उनसे कटौती न की जाए। इसे लेकर समिति के कर्मचारियों ने तालाबंदी भी की थी। मामला मंत्रिमंडलीय समिति में भी रखा गया था, इस पर फैसला होना बाकी है।
चार जिलों में अधिक शार्टेज
मार्कफेड के अधिकारियों ने डाटा मिलान में यह पाया कि धमतरी में 1.22, बेमेतरा में 1.12, नारायणपुर में 1.03 और रायपुर में 1.01 प्रतिशत की शार्टेज पाई गई है। अन्य जिलों में मिलान का कार्य जारी है। अब तक 962 केंद्रों के डाटा का मिलान किया जा चुका है। सितंबर माह के अंत तक सभी जिलों में मिलान के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा।

HNS24 NEWS

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