छत्तीसगढ़ : रायपुर, 21 फरवरी 2019 कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी का प्रबंधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ में पहले दो से तीन फसलें किसान आसानी से ले लेते थे, लेकिन खुले में घूमते पशुओं के कारण अब एक फसल लेने में भी मुश्किलें आती हैं। फसलों को पशुओं से बचाने का प्रबंध करना पड़ता है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास पर छत्तीसगढ़ प्रदेश लोधी समाज के प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पशुओं को बारह महीने एक जगह बांधकर गौठान में रखा जाए, उनके लिए पानी-चारा और शेड की व्यवस्था कर दी जाए, तो इस प्रबंधन व्यवस्था से कम्पोस्ट खाद, वर्मी खाद, बायोगैस के उत्पाद के साथ गौ वंशी पशुओं से दूध और दही का भी अच्छा उत्पादन संभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ में किसानों के ऋण माफी और सर्वाधिक दर ढाई हजार रूपए प्रति क्विंटल से धान खरीदी की चर्चा है। राज्य शासन के इन फैसलों से किसानों में खुशहाली आयी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश लोधी समाज के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर वर्मा के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लोधी समाज के प्रतिनिधियों ने राज्य शासन के किसान हितैषी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री को अभिनंदन पत्र भेंटकर उनके प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उद्योग और वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा तथा विधायक विक्रम मंडावी सहित लोधी समाज के महामंत्री रमेश पटेल, ओमलाल वर्मा, भरत वर्मा, मूलचंद वर्मा सहित अनेक पदाधिकारी भी उपस्थित थे।