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रायपुर/03 जुलाई 2021। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा किए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कहा है कि सवालों की फेहरिश्त में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के बजाय उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग किया जाना चाहिए था। दूसरी लहर के समय न केवल देश ने बल्कि पूरी दुनिया ने देखा कि भाजपा शासित एक राज्य किस तरह लाशों का सैलाब आ गया था। छत्तीसगढ़ ने दूसरी लहर के दौरान न तो दवाइयों की कमी होने दी और न ही अस्पतालों में बिस्तरों की। छत्तीसगढ़ ने दूसरे राज्यों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति करके मदद की।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा विपक्ष के सवालों का स्वागत किया है और जवाब भी दिया है, लेकिन डॉ. रमन सिंह कोरोना जैसे संवेदनशील विषय पर भी राजनीति कर रहे हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि कुछ ही दिनों में विधानसभा सत्र शुरु होने वाला है, जहां उन्हें हर सवाल का विस्तृत जवाब मिल जाएगा, लेकिन वे ट्वीटर जैसे प्लेटफार्म पर जवाब चाहते हैं। इसी से उनके प्रश्नों की गंभीरता और उनकी मंशा का पता चल जाता है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा नेता द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों के बारे में शासकीय माध्यमों से नियमित रूप से जानकारियां प्रकाशित होती रहती हैं। कोरोना-काल में मीडिया में अपनी पार्टी की असली छवि उजागर होते देखकर संभवतः डा. रमन सिंह ने अखबार पढ़ना और टेलीविजन देखना छोड़ दिया है।
कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा तीसरी लहर को लेकर की जा रही तैयारियों की खबरे देशभर के अखबारों में सुर्खियों में छप रही हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने पहले पन्ने पर यह खबर लगाई है कि किस तरह छत्तीसगढ़ में गांवों से लेकर शहरों तक सभी सरकारी अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। जरूरी उपकरणों, दवाइयों, चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों के इंतजाम को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं। राज्य की चिकित्सा-अधोसंरचना के विस्तार के लिए निजी क्षेत्र की क्षमता का भी उपयोग करते हुए उसे गांवों में अस्पताल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राजधानी रायपुर में विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले निजी अस्पताल की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि आरक्षित करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।
कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि रमन सिंह ने पूछा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में ऑक्सीजन भंडारण क्षमता, ऑक्सीजन एवं आईसीयू बैड्स, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की व्यवस्था के लिए क्या किया। बच्चों के कितने वार्ड बनाए, रेमडेसिविर आदि दवाओं की उपलब्धता कितनी है। उन्हें पता होना चाहिए कि दिसंबर 2020 में जिलों में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की संख्या मात्र 1061 थी, जो मई 2021 में 5142 हो चुकी है। इसी अवधि में जिलों में बी टाइप आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 2499 से बढ़कर 5362 हो चुकी है। डी टाइप जंबो आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या जिलों में 2704 से बढ़कर 9382 हो गई है। पीएसए ऑक्सीजन प्लांटों की संख्या 6 से बढ़कर 23 हो गई है। कुल 100 पीएसए प्लांट स्थापित किए जाने की तैयारी है। सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जिला चिकित्सालयों में पीएसए प्लांट स्वीकृत किए गए हैं। दिसंबर 2020 में राज्य में एक भी लिक्विड आक्सीजन टैंक नहीं था, अब इनकी संख्या 03 है। कुल 22 लिक्विड ऑक्सीजन टंकियां स्वीकृत की गई हैं। 13 जिला अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन टंकियां स्वीकृत करने की दिशा में प्रक्रिया जारी है। जिलों में वैंटिलेटरों की संख्या 280 से बढ़कर 723 हो गई है। राज्य में 123 शिशु वैंटिलेटरों की व्यवस्था की तैयारी है। इनमें से 51 वैंटिलेटरों की व्यवस्था की जा चुकी है। इसी तरह मल्टीपैरा मॉनिटरों की संख्या 624 से बढ़कर 1142 हो गई है।
कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किए गए कुशल कोरोना-प्रबंधन के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में 02 जुलाई 2021 की स्थिति में पाजिटिविटी दर घट कर मात्र 1.2 प्रतिशत रह गई है। कुछ ही दिनों पहले तक रोज 200 से ज्यादा मौतें हो रही थीं, अब यह संख्या 05 के नीचे आ चुकी है। रिकवरी दर 98 प्रतिशत है। एक समय रोज 30-35 हजार टेस्ट ही हो पा रहे थे। अब राज्य की क्षमता प्रतिदिन 70 हजार टेस्ट से अधिक हो चुकी है। कोरोना टेस्टिंग के लिए लैब की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्तमान में 35 शासकीय, 6 निजी लैब में ट्रू नॉट जांच की सुविधा है। 11 शासकीय और 5 निजी लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। राज्य में 5 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब बलौदाबाजार, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा एवं जशपुर में स्थापित की जा चुकी है। प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर ट्रूनॉट लैब की जांच क्षमता में वृद्धि की गई है। राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगमों में 13 मई से सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे रेपिड एंटिजन टेस्टिंग की सुविधा है। राज्य में अब तक कोरोना के लक्षण वाले 22 लाख 42 हजार लोगों को निःशुल्क दवा किट का वितरण किया गया है।
कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि इसी तरह टीकाकरण के मामले में भी छत्तीसगढ़ ने तेजी से उपलब्धियां हासिल की है। 01 जुलाई 2021 तक 98 लाख 20 हजार 422 टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में करीब 82 लाख लोगों को पहला टीका और 16 लाख 20 हजार से अधिक लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं
कांग्रेस संचार विभाग सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि राज्य में ढाई सालों में स्वास्थ्य सुविधा को जनोन्मुखी बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कारगर प्रयास किए गए हैं। इसके चलते राज्य के स्वास्थ्यगत अधोसंरचना में बढ़ोतरी होने के साथ ही स्वास्थ्य अमले में भी वृद्धि हुई है। राज्य में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की संख्या 6 से बढ़कर 9, जिला चिकित्सालयों की संख्या 26 से बढ़कर 28 तथा सिविल अस्पताल की संख्या 19 से बढ़कर 20 हो गई है। ढाई सालों में 50 बिस्तर वाले 15 तथा 100 बिस्तर वाले 6 एमसीएच अस्पताल स्थापित किए गए हैं। इस अवधि में 6 नए उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी स्थापित किया गया है। राज्य में ढाई सालों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि विशेषज्ञ, चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों सहित मेडिकल स्टाफ की संख्या 18,458 से बढ़कर 20,405 हो गई है, जिसमें विशेषज्ञ, चिकित्सकों की संख्या 175 से बढ़कर 319, चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1359 से बढ़कर 1818 और स्टाफ नर्स की संख्या 2580 से बढ़कर 4091 हो गई है। वर्तमान में 300 चिकित्सा अधिकारियों, 92 स्टाफ नर्स, 50 मेडिकल लैब टेक्नॉलाजिस्ट तथा 146 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (महिला) की भर्ती प्रक्रियाधीन है।

HNS24 NEWS

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