छत्तीसगढ़ : रायपुर, 31 जनवरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंनडोर स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय ‘लईका मड़ई‘ के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर छत्तीसगढ़ के परम्परागत खेल गोटा खेल कर उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही उन्होंने यहां के पाम्परिक खेल भौंरा चलाकर उसे अपनी हथेलियों में नचाया। उन्होंने भौंरा को हवा उछाल कर भी उसे अपने हथेलियों में चलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर गांव में विभिन्न विधाओं में प्रतिभावान एवं हुनरमंद बच्चें हैं। ऐसे आयोजनों से उनकी छिपी प्रतिभा को उभारने और निखारने का मौका मिलता है। हमारी परम्परा, संस्कृति, शिक्षा, क्रीड़ा की सौंधी महक के साथ विद्यार्थी के व्यक्तित्व का समग्र विकास करने के लिए लईका मड़ई एक सशक्त माध्यम हैै। मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम को स्वच्छता को और अधिक बढ़ानेे के लिए 25 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। कार्यक्रम को नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मड़ई मेला हमारी प्राचीन संस्कृति है। छत्तीसगढ़ में धान कटाई के बाद फसल घर के कोठी में धन आने की खुशी में उत्साह से ग्रामीण अंचलों में ऐसे मड़ई मेले का आयोजन किया जाता हैं। इसी के प्रतीक स्वरूप स्कूलों एवं महाविद्यालयों में लईका मड़ई का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर नगर पालिक निगम के महापौर प्रमोद दुबे, रायपुर नगर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व महापौर किरणमयी नायक, पूर्व सदस्य राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण डाॅ. चैलेश्वर चंद्राकर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को किया पुरस्कृत
मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया। इसमें दलदल सिवनी रायपुर की प्रतिभागी गौरी कान्ता को शैक्षणिक नवाचार के लिए, बनरसी के रामलाल को वादन एकल के लिए, खोरपा के पुजा यादव को एकल नृत्य के लिए, रायखेड़ा के काजल गु्रप को सामूहिक नृत्य के लिए, मंदिरहसौद के अभिषेक यादव को एकल गायन के लिए, छाटा के पायल साहू एवं साथी को पिट्ठूल के लिए, छड़िया के बीरबल को भौंरा के लिए, गौरभाट के पिंकी एवं साथी को कबड्डी के लिए, अभनपुर विकासखंड के तीजन, साक्षी को फुगड़ी के लिए, धरसींवा विकासखंड के घनश्याम वर्मा, संजय वर्मा को बैडमिंटन युगल, सरारीडीह के तुषार एवं साथी को गेड़ी के लिए, सेरीखेड़ी के आंचल यादव एंव साथी को सामुहिक गायन के लिए, परसदा के महेश्वर साहू को तबला वादन के लिए, दोंदेकला के जानसी भारद्वाज को एकल नृत्य के लिए और बड़े उरला के सुमित को एकल नृत्य के लिए पुरस्कृत किया गया।
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