November 22, 2024
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अरुण गुप्ता : सीधी : 2 साल तक बर्खास्त सचिव ने प्रभार पाते ही लिखी भ्रष्टाचार की कहानी,नदहा पंचायत में लाखों का घोटाला सामने आया।

पूरा मामला

मझौली तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नदहा में भ्रष्टाचार की कहानी अजीबो गरीब है ग्राम पंचायत के सचिव सरपंच ने मिलकर जो कारनामा किया है उसमें बराबर का हाथ इंजीनियरों का भी है हैरानी की बात तो यह है कि अधिकारी सब कुछ देख कर भी अनजान बने हुए है 2 सालों तक भ्रष्टाचार में डूबी रही बर्खास्त सचिव सुनीता श्रीवास्तव ने जब प्रभार पाया तो सरपंच के सह पर करोड़ों का बंदरबांट कर डाली है। इसके पूर्व में सचिव सुनीता श्रीवास्तव के द्वारा ग्राम पंचायत अमहिया में करोड़ों गबन का किया गया था जिसके चलते 2018 में सचिव सुनीता श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन भ्रष्टाचार की कहानी अब नदहा पंचायत दोहराई गई है जिससे 20 साल पीछे यह गांव चला गया है। हैरानी की बात तो यह है कि सचिव सरपंच द्वारा सीमेंट का लेप लगाकर फोटो अधिकारियों को भेज कर गुमराह किया जाता है। जहां अब ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया है।

लाखों का हुआ बंदर बांट
सोलिंग तथा बोल्डर डालकर मुख्य मार्ग से स्वास्थ्य विभाग तक पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया है जहां नदहा समेत सोनवर्षा में कुछ निर्माण कार्य भी चालू है तो वहीं बनी हुई कुछ पीसीसी सड़क महीना बीतते ही उखड़ चुकी हैं पीसीसी सड़क निर्माण आंगनबाड़ी क्रमांक 1 से हरिजन बस्ती तालाब मेढ़ तक एक लाख 53 हज़ार की लागत से बनाई गई थी जहां महीना बीते सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है वही बिना चबूतरा निर्माण के ही तेलीयान टोला में एक लाख 73 हजार का गबन किया गया है हैरानी की बात यह है कि कागज पर चबूतरा का निर्माण हो चुका है। जबकि जमीनी हकीकत पर कुछ बना ही नहीं है ग्राम पंचायत के सौन्दरीकरण करण के नाम से जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जहां 4 पौधे लगाकर तथा भवन का पुताई करवा 2 लाख 64 हज़ार रुपये निकाला गया है। सचिव व सरपंच की भ्रष्टाचार की कहानी इससे आगे भी बढ़कर है जहां आपको हैरान कर देगी समुदायिक भवन मरम्मत के नाम पर एक लाख 30 हज़ार रुपए का बंदरबांट किया गया है। वही सचिव सरपंच ने भ्रष्टाचार की कहानी लिखते हुए मुख्य मार्ग से प्राथमिक पाठशाला नदहा तक का पीसीसी निर्माण 7 लाख 65 हजार में बनाई गई है जबकि हकीकत यह है कि बेहद ही घटिया क्वालिटी का सोलिंग तथा बोल्डर डालकर मात्र दो लाख के अंदर सीमेंट का लेप लगाकर पीसीसी सड़क बनाई गई है हैरानी की बात यह है कि इसकी फोटो भी खींचकर कलेक्टर रवींद्र चौधरी को भेजा गया है। इनकी भ्रष्टाचार की कहानी बहुत लंबी है जहां कलवर्ट पुलिया निर्माण, सामुदायिक भवन मरम्मत कार्य, पंचायत भवन मरम्मत कार्य ,सीसी सड़क ,सीसी सड़क नाली निर्माण कार्य, पीसीसी सड़क व प्रधानमंत्री रोड से परमानंद श्रीवास्तव के घर तक सोनवर्षा, कल्वर्ट पुलिया निर्माण, सीसी सड़क सहनाली निर्माण दो- दो जगह ( जो हुआ ही नहीं है) फूड प्रोसेसिंग उद्योग हेतु भवन समेत करोड़ों का बंदरबांट किया गया है। वही इस भ्रष्टाचार की लिखी इबारत में सरपंच सचिव ने जो कहानी लिखी है उसके पीछे जांचकर्ता अधिकारी तथा इंजीनियर भी दोषी है। हैरानी की बात यह है कि बिना कार्य निर्माण की जांच किए ही इतनी बड़ी रकम कैसे पास की जा रही है।

अधिकारियों को करते हैं गुमराह
2 साल से बर्खास्त सचिव सुनीता श्रीवास्तव ने नदहा पंचायत का प्रभार पाते ही सरपंच के साथ मिलकर अधिकारियों को गुमराह किया जाता है जहां मेन रोड से जुड़े हुए कार्य निर्माण के ऊपर से सीमेंट का लेप लगाकर अधिकारियों को फोटो खींचकर भेजा जाता है जबकि सच्चाई यह है कि पीसीसी सड़कों में बोल्डर और सोलिंग डालकर बनाई गई है साल भर के अंदर की सभी सड़कें उखड़ कर धूल हो चुकी है। जहां पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है ।जहां ग्रामीणों ने ऐसे सरपंच सचिवों को हटाने की मांग किए हैं। वही नाली निर्माण करने के लिए सचिव तथा सरपंच के द्वारा ठेके पर ठेका देकर काम करवाया जाता है जहां बिना गुणवत्ता के ही पीसीसी सड़क तथा नाली का निर्माण किया जा रहा है।

पूर्व में भी कर चुके हैं गुमराह
ग्रामीणों के बताए अनुसार नदहा के दक्षिण टोला में ग्रामीणों के द्वारा चुनाव के समय में सरपंच को वोट नहीं दिया गया था, क्योंकि दक्षिण टोला में जाने के लिए आज तक कच्ची सड़क तक ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पाई है बीते 2019 में कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने दक्षिण टोला में मेन रोड से इमली तक सड़क बनाने का आदेश दिया था जहां चुनावी रंजिश को रखते हुए सरपंच इंद्र जीवन गुप्ता तथा सचिव सुनीता श्रीवास्तव के द्वारा पट्टे की जमीन दिखाकर अधिकारियों को गुमराह किया जाता है सच्चाई यह है कि सरपंच के खास रिश्तेदार ने पूरे स्कूल के जमीन को अतिक्रमण किया हुआ है अतिक्रमण की जमीन को बचाने के लिए सरपंच सचिव के द्वारा यह खेल खेला जा रहा है। वही पूरे मामले को लेकर मझौली एसडीएम आनंद सिंह रजावत ने जांच का आदेश दिया है।मामले की जानकारी प्राप्त हुई है, निर्माण कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उक्त मामले की जांच की जा रही है जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

HNS24 NEWS

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