इस साल छठ महापर्व अपने अपने घरों से मनाए जाएंगे… छठ समिति महादेव घाट के अध्यक्ष राजेश सिंह ने किया अपील
HNS24 NEWS November 17, 2020 0 COMMENTSचित्रा पटेल : रायपुर : कोरोना महामारी की चपेट में पूरा देश है छठ व्रती विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना कर रही है इस वर्ष छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू और 21 नवंबर तक होने जा रही है।
छठ महापर्व समिति महादेवघाट अध्यक्ष ने किया अपील
छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट के अध्यक्षता राजेश सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि चार दिवसीय महापर्व 18 नंबर से 21 नंबर शुरू होने जा रही है पूरे देश में कोरोना महामारी के बीच छठ महापर्व हर्षोल्लास एवं परंपरा के साथ मनाया जाएगा समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह ने अपील किया है इस बार छठ व्रती अपनेे अपने घरों में छठ पूजा मनाएं और छत्तीसगढ़ भारत और विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करें अध्यक्ष नहीं अभी का की जिनके जिनके पास घर में पूजा अर्ध्य देने की सुविधा नहीं वह सरकार के गाइडलाइन अनुसार तालाब में जाकर सूर्य भगवान को अर्थ दे सकते हैं और अध्यक्ष ने यह भी अपील किया है कि छठ व्रती अपने घर में ही संध्या व उषा अर्घ्य अपने घर के आस-पास छोटे-छोटे जला से बनााक छठ पूजा मनाएं और सूर्य भगवान को अर्घ्य दें कर मनाएं ताकि कोरोना महामारी को रोका जा सके।महादेव घाट एवं रायपुर जिले के तालाबों के किनारे जो भी व्रती पूजा करेंगे वह अपनी स्वयं की जवाबदारी पर करेंगे जो कि छठ पूजा चूंकि व्रती द्वारा तालाबों नदियों एवं जलाशयों के किनारे होती है। छठ पूजा समिति ने महादेव घाट पर समूह पूजा नहीं करने का निर्णय लिया है तथा पूजा संस्कृति कार्यक्रम एवं भंडारे नहीं होंगे।
क्या है छठ पूजा की कहानी
छठ महापर्व स्वच्छता का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है छठ महापर्व प्राचीन काल से ही चला आ रहा है इस पर्व पर लोगों द्वारा शुद्ध प्रसाद बनाया जाता है जिसे सूर्य भगवान को भोग लगाया जाता है लोगों के द्वारा समूह में सड़क एवं घाटों की सफाई की जाती है मान्यता अनुसार छठी मैया विश्व की सबसे बड़ी स्वक्षती की ब्रांड एंबेसडर हैं ,भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है
इस वर्षा नहाए खाद्य 18 नवंबर को और लोहंडा व करना 19 नवंबर को होगा संध्या अर्ध 20 नवंबर को और उषा अर्ध 21 नवंबर को होगा छठ महापर्व दुनिया का एकमात्र पर्व है जिसमें डूबते सूर्य और उगते सूरज की पूजा की जाती है छठ पर्व को षष्टि पूजा एवं सूर्य षष्टि व्रत के नाम से भी जाना जाता है यह पर वर्क कार्तिक शुक्ल पक्ष के सस्ती को मनाया जाता है सूर्य उपासना का यह अनुपम लोक पर्व मुख्य रूप से पूरी भारत के बिहार झारखंड पूरा उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है छठ पूजा सूर्य और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है त्यौहार और व्रत के अनुष्ठान कठोर हैं और 4 दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं इनमें पवित्र स्नान उपवास और पीने के पानी से दूर रहना लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद प्रार्थना प्रसाद और सूर्य देवता को अर्ध देना शामिल है। छपरा बिहार एवं पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों का महत्व है छठ महापर्व नेपाल पीजी मॉरीशस सूरीनाम गुयाना अन्य देशों में भी मनाया जाता है छठ माता से लोग अपनी आस्था से श्रद्धा से पूजा पाठ करते हैं और अपनी मन्नत रखते हैं छठ माता उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं आशा लोगों की आस्था है माताएं अपनी मांग सिंदूर से भर्ती है और ब्रह्म मुहूर्त मैं भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।
इस अवसर पर राजेश कुमार सिंह रविंद्र सिंह विपिन सिंह सुनील सिंह राजकुमार सिंह जैन सिंह एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे