रायपुर/21 अक्टूबर 2020। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के 20 महीनों के जन कल्याणकारी कार्यों के बाद भाजपा नेताओं के पास मुद्दा नहीं है। भाजपा के नेता अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रहे भाजपा अब राजभवन को आड़ लेकर ऊंची राजनीति कर रही है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा के कार्यकर्ता, भाजपा के नेताओं के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व राजभवन की गरिमा के विपरीत जाकर दबाव डालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के छवि खराब करने का षड्यंत्र रच रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जी सत्ता के मद में 15 साल राजनैतिक गरिमा को तार-तार करते रहे। मुख्यमंत्री रहते हुए जिनके घर के पते पर विदेशी खाता हो और जिन्होंने उसकी जांच तक को होने ही नहीं दिया, हर स्तर पर जांच को बाधित किया, ऐसे रमनसिंह जी को गरिमा शिष्टाचार और सदाचार की बड़ी बड़ी बातें करना शोभा नहीं देता है। 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की डायरी में रमन सिंह जी के मुख्यमंत्री रहते हुए ही सीएम मैडम का नाम लिखा हुआ मिला। रमन सिंह जी के शासनकाल में ही आम आदमी हर व्यवसायी पत्रकार से लेकर छोटे-छोटे अधिकारी कर्मचारी तक फोन टैपिंग के भय से व्हाट्सएप कॉल का सहारा लिया करते थे, अभी छत्तीसगढ़ के लोग डर भय और आतंक के पर्याय उन 15 वर्षों को भूले नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित राज्य सरकार के खिलाफ राजभवन को कानाफूसी और राजनैतिक साजिशों का जरिया बनाने की कोशिशें बंद करके रमन सिंह जी विपक्ष के नेता का आचरण सीखें यह बेहतर होगा। राज्य की निर्वाचित सरकार और छत्तीसगढ़ की जनता के हितों और हकों के खिलाफ लगातार साजिशों में लिप्त रमन सिंह जी दूसरों को शिक्षा देने के अधिकारी नहीं है। बेहतर होगा 15 साल के अपने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल पर रमन सिंह जी आत्मावलोकन करें। रमन सिंह जी को इस बात पर भी चिंतन करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल के बाद उन्हें 15 सीट प्राप्त करने लायक भी क्यों नहीं समझा।
प्रदेश कांग्रेस के संचार के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सही नेता, सही नियत और सही नीति के अभाव से जूझ रही भाजपा अब राजभवन को ढाल बनाने की स्तरहीन राजनीति बंद करे। गैर भाजपा शासित राज्यों में भाजपा की केंद्र सरकार राज्यपालों को संवैधानिक प्रमुख नहीं फिरंगियों के समय के पोलिटिकल एजेंट बनाना चाहती है। इसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।