November 22, 2024
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यपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में ड्रग के काले कारोबार के खुलासे को स्तब्ध करने वाला बताते हुए कहा कि यह प्रदेश को नशे की अंधी गली में धकेलने की घोर चिंताजनक और साजिशाना हरक़त है, जो राजधानी में प्रदेश सरकार की नाक के नीचे चल रही थी और शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते यह काला कारोबार फल-फूल रहा था। डॉ. सिंह ने कहा कि कोकीन व हेरोइन सप्लाई का भांडा फूटने के तुरंत बाद राजधानी के पास ही साढ़े चार क्विंटल गांजा और एक किलो से भी अधिक अफ़ीम का पकड़ा जाना प्रदेश सरकार की दाग़दार छवि और विकृत कार्यप्रणाली का एक और नमूना है। प्रदेश सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के बजाय ‘उड़ता छत्तीसगढ़’ के तौर पर बदनाम होने से राज्य को बचाए।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को नशे के गर्त में धकेलने पर आमादा नज़र आ रही है। एक ओर पूर्ण शराबबंदी के अपने वादे से मुकरकर प्रदेश सरकार ने खुलेआम नशाखोरी को बढ़ावा देने और घर-घर शराब पहुँचाने का काम किया है, वहीं दूसरी ओर ड्रग्स सप्लायर्स प्रदेश के अमीर युवक-युवतियों को ड्रग सप्लाई कर प्रदेश की तरुणाई को खोखला बनाने में लगे हैं। डॉ. सिंह ने सवाल किया कि राजधानी के कई बड़े होटलों और फार्म हाउस में होने वाली ड्रग पार्टी आख़िर किसके संरक्षण में बेधड़क हो रही थीं? क्या शासन-प्रशासन की जानकारी के बिना इतना बड़ा रैकेट चलने की बात विश्वसनीय हो सकती है? डॉ. सिंह ने कहा कि पूरा देश इन दिनों ड्रग के काले कारोबार को लेकर संजीदा है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ में कोकीन और हेरोइन की सप्लाई हवाई मार्ग से होने पर बहुत-से सवाल खड़े हो रहे हैं। यह खुलासा हवाई यात्राओं से पहले सामानों की जाँच-प्रक्रिया में बरती जा रही उदासीनता को भी रेखांकित करने वाली है।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने नशे के इस समूचे काले कारोबार के लिए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और कहा कि यदि प्रदेश सरकार अपने शराबबंदी के वादे से मुकरने की बदनीयती का प्रदर्शन नहीं करती तो प्रदेश में नशे के कारोबारियों को इस तरह फलने-फूलने का साहस नहीं होता। प्रदेश सरकार ने जिस तरह शराब के कारोबार में अपनी रुचि दिखाई और कोरोना काल में भी उसने शराब के कारोबार को छूट देने की हड़बड़ी दिखाई, उसी का यह नतीजा है कि प्रदेश में न केवल शराब की तस्करी के मामले बढ़े हैं, अपितु ड्रग समेत गांजा-अफ़ीम के कारोबारियों ने छत्तीसगढ़ को अपने लिए सबसे सुरक्षित ज़गह मानकर प्रदेश की तरुणाई पर यह हमला बोला है। डॉ. सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जाँच की ज़रूरत बताते हुए इसमें शामिल सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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[04/10, 6:41 pm] Bjp – नालिनीश ठोकने: *प्रदेश सरकार नक्सली हिंसा पर सिर्फ़ ज़ुबानी जमाख़र्च कर रही, नकेल कसने की नीयत ही नहीं है : भाजपा*

*कांग्रेस के सत्ता में आते ही नक्सली बेख़ौफ हिंसा पर उतारू होकर बस्तर में दहशतगर्दी का समानांतर राज चला रहे : साय*

*प्रदेश सरकार नक्सलियों के साथ अपनी दोस्ती निभाना छोड़ ख़ूँखार हो चले नक्सलियों के ख़िलाफ़ सख़्ती से पेश आए*

*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राज्य में लगातार बढ़ते जा रहे नक्सली हिंसक उत्पात को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर फिर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि नक्सलियों पर नकेल कसने की कांग्रेस सरकार की नीयत ही नहीं नज़र आ रही है। श्री साय ने कहा कि अब तक बस्तर के बीहड़ ज़ंगली क्षेत्रों में सक्रिय रहकर हिंसा करने वाले नक्सलियों का अब शहरी इलाकों के क़रीब तक आकर न केवल पोस्टरबाजी करना, अपितु ग्रामीणों की हत्या तक करना काफी चिंताजनक है और प्रदेश सरकार नक्सली हिंसा पर सख़्ती करने के बजाय सिर्फ़ ज़ुबानी जमाख़र्च ही कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने संभाग मुख्यालय जगदलपुर से महज़ 40 किलोमीटर दूर नगरनार इलाके के ग्राम गुमलवाड़ा में शुक्रवार रात को की गई बुधराम नाग नामक युवक की हत्या के मामले का ज़िक्र करते हुए कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, नक्सली लगातार बेख़ौफ होकर हिंसा पर उतारू हेकर बस्तर में दहशतगर्दी का समानांतर राज चला रहे हैं। श्री साय ने कहा कि पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर नक्सली लगातार लोगों का ख़ून बहा रहे हैं। विकास कार्यों को लेकर सक्रिय रहने वाले बुधराम नाग की हत्या इस बात की भी तस्दीक कर रही है कि नक्सली विकास की रोशनी से भी बस्तर को अछूता रखने के अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं। यह स्थिति नक्सली हिंसा को रोकने में प्रदेश सरकार की कमज़ोर नीयत की परिचायक है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि पिछले लगभग सात माह से नक्सलियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि वे अब ओड़िशा व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ग्रामों के बजाय बस्तर के शहरी इलाकों के आसपास सक्रिय होते जा रहे हैं। श्री साय ने आशंका जताई कि नगरनार के इस्पात संयंत्र की स्लरी पाइप लाइन चूँकि इसी इलाके से होकर गुजरती है, इसलिए बस्तर के विकास को अवरुद्ध करने के माओवादी एजेंडे के चलते औद्योगीकरण के विरोधी नक्सलियों की यहाँ सक्रियता बढ़ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इन हालात की गंभीरता और ख़तरों की ओर से आँखें मूंदे हुए है। श्री साय ने पिछले छह माह में बस्तर संभाग में हिंसा का तांडव करते हुए नक्सलियों ने 80 से ज़्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। इससे प्रदेश सरकार का निकम्मापन प्रदर्शित हो रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने सवाल किया कि क्या प्रदेश सरकार के संरक्षण में माओवादी हिंसा के ज़रिए ग्रामीणों में दहशत फैलाने और पुलिस को चकमा देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं? प्रदेश सरकार अपने अब तक के कार्यकाल में नक्सलियों के ख़िलाफ़ कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है, उल्टे बस्तर में ख़ूँखार हो चले नक्सलियों को क़ाबू में करने वाले पुलिस ऑपरेशनों में में आई कमी ने नक्सलियों को निर्दोष आदिवासियों, सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की जान का दुश्मन बना दिया है और इसीलिए नक्सली अब ज़ंगली इलाकों से बाहर निकलकर सड़कों पर मौत का तांडव मचाकर आतंकराज चला रहे हैं।  साय ने कहा कि प्रदेश सरकार अब नक्सलियों के साथ अपनी दोस्ती———— निभाना छोड़ हिंसक नक्सलियों के ख़िलाफ़ सख़्ती से पेश आए।

HNS24 NEWS

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