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रायपुर/08 जुलाई 2020। मोदी मंत्रीमंडल के आज के फैसलों को मजदूर, किसानों, व्यापार जगर, नौजवानों और मजदूरों के लिये सिर्फ दिखावा और औपचारिकता का निर्वहन निरूपित करनते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि देश की बिगड़ी आर्थिक व्यवस्था इन कृत्रिम उपायों से सुधरने वाली नहीं है। नोटबंदी, गब्बर सिंह टैक्स, जीएसटी, बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम, बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी की मार झेल रहे अर्थव्यवस्था कर्ज बांटने वाले लोन मेलों की निरंतरता से सुधरने वाली नहीं है। कर्ज से मोदी जी के नीरव मोदी, मेहुल चौकसी विजय माल्या जैसो की स्थिति सुधर गयी। देश को आज गंभीरता से काम करने वाले अर्थशास्त्री की आवश्यकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व अर्थात सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी की ओर से बार-बार अनुरोध और सकारात्मक लिखित सुझावों के बावजूद, मोदी सरकार अपने अहंकार में कुछ भी करने में विफल रही है ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार बनने पर 100 दिनों में महंगाई कम करने का दंभ भरने वाली भाजपा सरकार बनाने के 6 साल बाद भी बढ़ती महंगाई को रोकने में असफल है। बीते 4 सालों में देश में महंगाई कम होने की अपार संभावनाएं थी लेकिन मोदी सरकार के मनमानी गलत तरीके से लगाए गए जीएसटी, नोटबंदी ने आम जनता का बंटाधार कर दिया। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत खाद्यन्न और मैन्यूफैक्चर उत्पादों की बढ़ती कीमतों ही इसके लिए जिम्मेदार है। महंगाई रोकने में भाजपा सरकार नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कुप्रभाव से देश अभी तक उबर नहीं पाया है। नोटबंदी से अधमरी अर्थव्यवस्था को कमजोर बनाने में कई स्लैब में लगाई गई जीएसटी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। नोटबंदी और जीएसटी के कारण किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं, व्यापारी, छात्र सभी वर्ग त्रस्त है। नगद राशि की कमी और जीएसटी के अड़चनदायक प्रावधान से कारोबार ध्वस्त हो चुका है। फैक्ट्रियां उत्पादन की बिक्री नहीं होने के कारण बंद होने के कगार पर खड़ी है। फसल का सही दाम नहीं मिल पाने से किसान हताश, परेशान है। मजदूर, किसान, व्यापारी, मध्यमवर्ग, गरीब सभी मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई और बेरोजगारी झेलने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि देश की महंगाई पूरी तरीके से भाजपा सरकार के द्वारा उत्पन्न की गई है। भाजपा सरकार की जुमलेबाजी कथनी-करनी को जनता समझ चुकी है। इस सरकार के रहते इस देश को राक्षसरूपी महंगाई से मुक्ति नहीं मिलेगी। यूपीए सरकार के समय महंगाई को डायन बताने वाली भाजपा को महंगाई अब बेहद प्रिय लगने लगी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार देश के लिए नुकसानदेह साबित हुई है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से देश को लगातार सभी सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों पर नीचे खींचने का काम मोदी सरकार ने किया है। विशेष रूप से पिछले तीन महीनों के दौरान मोदी सरकार के द्वारा लिए गए विचारहीन और नासमझ निर्णयों से मजदूरों और उद्योगजगत को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है। कोविड महामारी शुरू होने के बाद से इन विचारहीन और नासमझ निर्णयों का नुकसान लगातार देश को उठाना पड़ रहा है। अपरिपक्व फैसलों ने तबाही का कहर बरपाया है । घरेलू और कूटनीतिक मोर्चों पर मोदी सरकार की नाकामी के कारणयुवाओं और कामकाजी नागरिकों के लिए रोजगार का अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 13 करोड़ घरेलू नौकरी का नुकसान युवाओं और कामकाजी नागरिको को उठाना पड़ा है। कई राज्यों में 40 प्रतिशत तक बेरोजगारी के आंकड़े पहुंच चुके है। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 24 जून 2020 के दौरान एच-1बी वीजा को निलंबित करने के निर्णय के परिणामस्वरूप लगभग 2 लाख भारतीयों को स्वदेश वापस भेजा जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी 85000 एच-1 बी वीजा भी खतरे में है। चूंकि इनमें से 60,000 से अधिक भारतीय है। इसका मतलब यह होगा कि भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर खोने की बड़ी समस्या सामने खड़ी हैं। कुवैत सरकार ने सभी भारतीयों की संख्या को सीमित करने वाला कानून लाया जा रहा है। कुवैत में 8.5 लाख भारतीय जो अब तक घर पैसा भेजते थे, अपना रोजी रोजगार छोड़ने कुवैत छोड़ने और घर वापस आने के लिए मजबूर होंगे। 2018 में, भारत को रेमिटेंस के रूप में कुवैत से 4.8 अरब डॉलर (वर्तमान दर पर लगभग 35,939 करोड़ रुपये) प्राप्त हुए जो अब नहीं मिलेंगे। घर में रोजगार के अवसर पैदा नहीं करने में मोदी सरकार की विफलता के साथ-साथ भारत और भारतीयों का हित साधन करने में अब तक के मित्र राज्यों को भी प्रभावित करने में नाकाम रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार अपनी अहंकारकारी निद्रा से जागे और इन महत्वपूर्ण घरेलू मुद्दों को हल करे। देश और विदेश में भारतीयों के रोजगार पर खतरों को दूर करे और लगातार डाउन स्लाइड पर रोक लगाने के लिये आवश्यक कदम उठायें। आज युवाओं के हाथ में रोजगार नहीं है। मोदी सरकार बनने के बाद हर साल दो करोड़ नौकरियों की दर से 6 साल में 12 करोड़ नौकरियाँ तो दूर की बात है। जिनके हाथ में मोदी सरकार बनने के पहले नौकरियाँ, स्वरोजगार था वह भी नोटबंदी और जीएसटी जैसे मोदी की उद्योग-व्यापार विरोधी नीतियों के कारण आज बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे है। पढ़े-लिखे युवाओं को पकौड़ा तलने, पंचर बनाने की सलाह देने वाले भाजपा रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह से नाकाम है।

HNS24 NEWS

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