November 22, 2024
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रायपुर : गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय में आज वाणिज्य विभाग द्वारा कोविड-19 का व्यवसाय पर प्रभाव व चुनौतियां पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेश्वर राव कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने लगभग 500 से अधिक देश-विदेश के प्रतिभागियों से मुखातिब होते हुए कहा कि भारतीयों में स्वाभाविक रूप से वापस आने की प्रवृत्ति मौजूद है और यही सकारात्मक पहलू है जिसके आधार पर हम कोविड-19 जैसे महामारी से भी आसानी से बाहर हो जाएंगे उन्होंने कहा कि यद्यपि आज विश्व में नकारात्मकता का माहौल है और यही स्थिति कमोबेश भारत में भी है परंतु वर्तमान समय में कोविड-19 के स्थान पर चाइनीस पॉलिसी पर संपूर्ण भारत में चर्चा हो रही है और यही आधार है जो भारतीयों के सकारात्मकता का परिचायक है वर्तमान में लगभग सभी व्यवसाय व उद्योगों के स्थानों पर मजदूरों की वापसी लगातार जारी है उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नई नीति के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 32 चैनलों के माध्यम से पढ़ाई करवायी जावेगी जिसमे से 10 चैनल तकनीकी,10 चैनल कॉलेज हेतु व 12 चैनल स्कूली शिक्षा के लिए प्रयोग की जाएगी। जिसे केजी से पीजी योजना कहीं गई है, कीनोट स्पीकर के रूप में बरहमपुर के पूर्व कुलपति व वर्तमान में इग्नू विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर आरपी दास जी ने कहा कि कोविड-19 को बहाना बनाकर अनेक संस्थान चाहे वह शैक्षणिक हो या उद्योग अपने अपने कर्मचारियों को बेरोजगार करने पर आमादा है जो निश्चित रूप से सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती है वही रिसोर्स पर्सन के रूप में नार्थ बंगाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर देवव्रत मित्रा ने कहा कि कोविड-19 के कारण हम यह जान सके कि स्वतंत्रता के 70 वर्ष पश्चात भी भारत में आज भी 16 करोड़ मजदूर अपने जीविकोपार्जन करने हेतु पलायन कर रहे हैं जिसमें निश्चित रूप से सुधार की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि 40% मजदूर ही गांव पर रहकर अपना जीवन यापन करना चाहते हैं जबकि 60% मजदूर वापस अपने काम धंधे पर लौट रहे हैं अतः ग्रामीण उद्योगों के लिए यह अवसर सुनहरा है जिन्हें कुशल कर्मचारी अपने कार्य करने के लिए मिल सकते हैं अतः उन्हें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए आज के वेबिनार के अंतिम वक्ता के रूप में प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने कहा कि कोविड-19 संकट केवल समसामयिक है अतः पारिवारिक रिश्ते व सामाजिक रिश्तो को और मजबूत कर हम इससे आसानी से उभर सकते हैं महाविद्यालय के आयोजन के दूसरे दिन सऊदी अरब के कीनोट स्पीकर वेंकट आचार्य जी ने अपनी चर्चा में कोविड-19 के कारण मानव संसाधन पर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में विस्तृत रूप से जानकारी दी उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी कंपनियां के कार्यों की प्रवृत्ति वर्क फ्रॉम होम की हो सकती है सब की नहीं सभी क्षेत्रों उत्पादन सेवा व पेशा में केवल 40% कर्मचारी ही घर पर बैठकर कार्य कर सकते हैं

अतः हमें 60% कर्मचारियों के लिए भी गंभीरता से सोचना होगा प्रोफ़ेसर विनायक देशपांडे नागपुर ने कहा कि वर्तमान में क्राइसिस मैनेजमेंट करना अनिवार्य होगा उन्होंने रिकवरी मॉडल को कुल 3 भागों में बांटा वी यू एवं एल तथा भारत में रिकवरी की यू मॉडल के होने की संभावना व्यक्त की उन्होंने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ पैकेज को भी विस्तृत रूप से समझाया दूसरे दिन के अंतिम वक्ता प्रोफेसर तपेश चंद्र गुप्ता रायपुर ने ब्रांडिंग के माध्यम से कोविड-19 के कारण होने वाले परिवर्तन को बताया । प्राचार्य ने वेबीनार के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहां समाज में चारों ओर नकारात्मकता का माहौल है वही उच्च शिक्षित व्यक्ति जो शिक्षा के क्षेत्र में है वह घोर निराशाजनक स्थिति में है उन्हें एक सकारात्मक सोच के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराना ही वेबीनार का उद्देश्य है। कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी के प्रभारी अनुपमा जैन ने किया वही इस कार्यक्रम में विभाग अध्यक्ष ललित मोहन वर्मा सुधीर जैन सर प्रेम सर विवेक प्रीतम सर व शिल्पा मैडम ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

HNS24 NEWS

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