बेतुके हंगामे खडा कर कांग्रेस अपने दायित्व से बच नहीं सकती : उसेंडी
HNS24 NEWS April 18, 2020 0 COMMENTSरायपुर : प्रदेश भाजपाध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के नाम जारी बयान को विरोधाभासों का पिटारा कहा है. उन्होंने कहा है कि जारी करने से पहले एक बार कम से कम पढ़ लेना चाहिए मरकाम को अपना ही कथित बयान. उसेंडी ने कहा कि बड़ी ही मासूमियत से राजनीति नहीं करने की बात करते हुए भी पूरे ही बयान में हल्की और सस्ती राजनीति भरी हुई दिख रही है. उन्होंने कहा कि असत्य और अर्धसत्य से भरपूर ऐसे बयान प्रदेशाध्यक्ष की गरिमा को कम करते हैं. उसेंडी ने कहा कि राजनीति अवश्य होनी चाहिए लेकिन वह गरीबों के विकास की, मरीजों के स्वास्थ्य की राजनीति होनी चाहिये न कि दस जनपथ के परिक्रमा की, जैसा इस बयान में भी दिख रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष मां-पुत्र के बयानों में ही इतना विरोधाभास दिखता है कि अगर उस पर ध्यान दिया जाय तो हर व्यक्ति कांग्रेस की तरह ही कन्फ्यूज हो जाय. जहां सोनिया जी लॉकडाउन को लेकर यह बयान देती हैं कि उसे जल्दबाजी में किया गया वहीं राहुल जी कहते हैं कि यह पहले हो जाना चाहिए था. इस तरह हमेशा की तरह ‘चोर से कहो चोरी कर और सेठ से कहो जागते रह’ की ढुलमूल नीति दिख रही है. उसेंडी ने कहा कि सबसे दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस स्वयं की भूमिका को लेकर ही बेहद कन्फ्यूज है या वह प्रदेश-देश को कन्फ्य्युज करना चाहती है. उसे बार-बार यह स्मरण कराना पड़ रहा है कि छत्तीसगढ़ में दुर्भाग्य से वह सत्ता में है. इस विपदा के समय प्रदेश स्तर पर काम करने के बदले कांग्रेस में हर व्यक्ति यहां राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय हुआ जा रहा है. अनेक बार यह स्मरण कराया गया है कि छत्तीसगढ़ में वह जवाबदेह है जनता के प्रति न कि भाजपा के लिए ‘सवालदेह’ है. उसका कर्तव्य है यहां विपक्ष और जनता को जवाब देना न कि उलटे विपक्ष पर सवाल उठाना. ऐसे ही सारा आवश्यक कार्य छोड़ जिम्मेदाराना बयानों में व्यस्त होने का दुष्परिणाम होता है कि जबरन ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की सफलता पर पीठ थपथपाते रहते हैं और ज़माती यहां ‘कठघोरा’ मॉडल को अंजाम दे देते हैं. देखते ही देखते प्राशासनिक लापरवाही के कारण एम्स के चिकित्सकों-स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा किये सभी कार्यों पर पलीता लग जाता है. प्रदेश शासन की गैर-जिम्मेदारी के कारण फिर से हम एक जीती हुई लड़ाई को दुबारा लड़ने पर विवश हो जाते हैं. उसेंडी ने कहा कि इसी तरह छत्तीसगढ़ की बात करने पर ये लोग किसी ‘भीलवाड़ा मॉडल’ का गुणगान करने लगते हैं. याद दिलाना पड़ते हैं उन्हें कि भीलवाड़ा राजस्थान में है, छग में नहीं. बाद में भीलवाड़ा की सरपंच को बयान जारी कर कांग्रेस की भर्त्सना करनी पड़ती है. उसेंडी ने ऐसे बचकाना बयानों को छोड़ कर काम में जुटे रहने की सलाह कांग्रेस के लोगों को देते हुए कहा है कि कम से कम कोरोना नामक वैश्विक आपदा के रहने तक वे भाजपा की चिंता छोड़ कर काम कर लें, साथ ही अपने स्वास्थ्य मंत्री समेत सभी विभागीय मंत्रियों को काम करने का माहौल दें. भाजपा की नाहक आलोचना करते रहने पर अपने दायित्व से वे बच जायेंगे, या जनता माफ़ कर देगी, इस मुगालते में नहीं रहें. उसेंडी ने कहा कि विपक्ष के नाते भाजपा ज़रूर सवाल उठाते रहेगी, और उसका समाधान कांग्रेस को प्रस्तुत करने के लिए दबाव भी बनाते रहना भाजपा का कर्तव्य है. इसका बुरा नहीं मानना चाहिए कांग्रेस को. वह अगर बुरा मानती भी है तब भी भाजपा को उसकी परवाह करना छोड़ अपना दायित्व निभाते रहना पडेगा.
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