November 22, 2024
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल
  • 6:17 pm विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओ.पी. चौधरी
  • 6:12 pm द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखने जायेंगे सीएम
  • 6:08 pm रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

रायपुर : 2002 से टेंडर बुला रहा पीएमजीएसवाय पहली बार भारी विवाद में उलझता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह  मामला  2200 करोड़ रु के कामो के लिए बुलाये गए टेंडर की शर्तों को शिथिल कर रसूखदारों का फायदा पहुंचाने का।टेंडर की शर्तें बनाने वाले विभाग के मंत्री सचिव व मुख्य सचिव की अनदेखी करते हुए विभागीय अफसर मनमानी पर उतर आए है।सीईओ की खामोशी भी शक़ पैदा कर रही है।
दुर्ग जिले के एक कांग्रेस नेता ने बाकायदा पत्र लिख कर इस तरह की अनियमितताओं की शिकायत विभागीय अफसरों से की है और उन्होंने टेंडर रद्द कर नई प्रक्रिया अपनाने की मांग भी की है।पत्र में साफ साफ लिखा गया है कि पीएमजीएसवाय के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि टेंडर की शर्तें पूरी न कर पाने वाले चहेते ठेकेदारों को टेंडर देने के लिए शर्तो को शिथिल किया गया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर की एक नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इक्विपमेंट लिस्ट नियमानुसार नही दी।नियमो के मुताबिक 3 माह से पुरानी लिस्ट आमन्य की गई थी लेकिन उक्त कम्पनी में 8 माह पुरानी लिस्ट जमा की।और भी की ठेकेदार वर्क प्रोग्राम व मेथेडोलॉजी नही जमा कर पाए।ऐसे में सबको पहले डिस्क़वालीफाई किया गया लेकिन टेंडर डालने के बाद आश्चर्यजनक ढंग से कई डिस्क़वालीफाई ठेकेदारों को रातो रात नियमो को शिथिल करते हुए क्वालीफाई कर दिया गया। विभागीय अफसरों के इस कदम से न केवल ईमानदार व छोटे ठेकेदार हैरान है बल्कि विभागीय कर्मचारी भी परेशान है। विभागिय कर्मचारी मामला सामने आने पर जांच से घबरा रहे है लेकिन कुछ अफसरों का गिरोह किसी समझाइश की परवाह नही कर रहा है।
इसी टेंडर में जीएसटी भी नियम विरुद्ध 12% फ्लेट लगाई गई है।अमानती राशि भी डिमांड ड्राफ्ट या आरटीजीएस से मांगी गई जिससे सिर्फ रसूखदार और बड़े ठेकेदारों को ही फायदा हो सकता है। साबसे हैरानी की बात तो दबंग छवि के सीईओ की खामोशी है।वन विभाग के बाहर के अफसरों को वापस विभाग में बुलाने के भूपेश सरकार के सख्त फैसले को भी वे ठेंगा दिखा चुके है।उनकी खामोशी विभागीय गड़बड़ी की चुगली करती नज़र आ रही है।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT