November 22, 2024
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रायपुर : रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एक अत्यंत गंभीर विषय पर आदरणीय पी.एल पुनिया जी और मैं, हम सब आपके बीच में उपस्थित हैं। ‘अबकी बार हिटलरशाही सरकार’ ये मौजूदा मोदी सरकार का नया नारा होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों से इंकम टैक्स विभाग व सीआरपीएफ जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ की चुनी हुई प्रजातांत्रिक सरकार और पुलिस को बगैर सूचित किए भिन्न-भिन्न स्थानों पर रेड कर रही है और चार दिन तक और चार रातों तक वो रेड चली, ये दिखाता है कि मोदी सरकार अपने भ्रष्टाचार को उजागर होते हुए देख लड़खड़ा गई है।

इससे पहले कि मैं तफ्सील पर जाऊँ और पुनिया साहब आपको डीटेल में बताएंगे, देश को याद रहे कि छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित नान घोटाला हुआ था, वो सारी डायरी, जो गलती से छत्तीसगढ़ की पुलिस के हाथ में आ गई थी, उनके सारे पन्ने एक पत्रकार गोष्ठी में उस समय के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल जी ने, सीएलपी लीडर टीएस सिंह देव जी ने और मैंने आपके समक्ष रखे थे और मैं केवल आपको याद दिलवाऊँगा उन डायरी के पन्नो में क्या था? उन डायरी के पन्नों में एन्ट्री थी कि किस प्रकार से उस 36 हजार करोड़ का एक हिस्सा और ये साबित होना अभी बाकी है, कथित तौर से नागपुर और दिल्ली भाजपा कार्यालय में भेजा जा रहा था।

उस डायरी के पन्नों में ये भी अंकित था कि किस प्रकार से 36 हजार करोड़ के नान घोटाले के भ्रष्टाचार का कथित पैसा दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं तक आता था। पूरा प्रांत लूट लिया गया और यही नहीं ये पहली बार इस देश में हुआ कि पनामा पेपर्स के अंदर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह जी, जो उन दिनों मुख्यमंत्री थे, उनके बेटे और भाजपा सांसद अभिषेक सिंह का नाम आया। यहाँ तक कि पता भी आ गया, पिता का नाम भी उसमें लिखा था। पर मोदी जी ने कोई जांच नहीं की, क्योंकि ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स और डीआरआई तो मोदी जी के गठबंधन सहयोगी हैं। दुर्भाग्य से इस देश की सबसे जांबाज और बहादुर और इलीट फोर्स, जो हमारी सीमाओं की रक्षा भी करती है और कभी देश में कोई हुडदंग या दंगे मंच जाएं, तो उसे नियंत्रण करने के लिए जिस जांबाज फोर्स को बुलाया जाता है, मोदी-शाह सरकार ने अब उस जांबाज फोर्स सीआरपीएफ को भी गठबंधन सहयोगी बनाने का दुस्साहस कर दिया।

रात के अंधेर में सीनाजोरी और कवरअप करप्शन, कवर अप बीजेपी करप्शन एक्सरसाइज में चार दिन से भाजपा की केन्द्रीय सरकार ने छत्तीसगढ़ की दो-तिहाई बहुमत से चुनी हुई सरकार को बगैर सूचित किए चार दिन से इंकम टैक्स और सीआरपीएफ के साथ रेड्स का सिलसिला जारी कर रखा है। मोदी आप कहते थे, कॉपरेटिव फेडरेलिज्म, ये है कॉरसिव सेंटरिज्म। कॉपरेटिव फेडरेलिज्म नहीं है ये, संघीय सहयोग नहीं, केन्द्रीय जबरद्स्ती है ये जो आप कर रहे हैं। संविधान को रौंद रहे हैं, संघीय ढांचे को रौंद रहे हैं औऱ प्रजातंत्र को परास्त कर रहे हैं। प्रश्न ये है कि क्या देश इस प्रकार से भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की केन्द्र सरकार की मनमानी व जबरद्स्ती को सहेगा? क्या 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की जांच केवल इसलिए रोक दी जाएगी कि उसके तार कहीं नागपुर की जमीन से और दिल्ली के सत्ता के गलियारों से जुड़े मिल गए तो पूरे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा? एक ईमानदार मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और एक ईमानदार सरकार कांग्रेस पार्टी की जब 11 हजार करोड़ कर्ज किसान का माफ करती है, जब 2,500 रुपए क्विंटल वहां के किसान को धान का भाव देती है, तो दिल्ली की सरकार के पेट में दर्द हो जाता है और जब भ्रष्टाचार की परतें उठने लगती हैं, जब प्रधानमंत्री जी के नजदीकी औद्योगिक समूहों के भ्रष्टाचार और मनमानी के ऊपर शिकंजा कसा जाता है, तो फिर इंकम टैक्स के साथ-साथ अब सीआरपीएफ को भी गठबंधन सहयोगी बना दिया जाता है।

मोदी जी, आपने तो बाबा साहब के शब्दों को भी खंडित कर दिया, जो उन्होंने संविधान सभा की बैठक में कहा था, जब संविधान बना था। जो उन्होंने कहा था, and I am just reading to you, जो उन्होंने कहा था कि प्रांत और केन्द्रीय सरकारों की क्या जिम्मेदारी होगी औऱ एक बात और बताइए, छत्तीसगढ़ नक्सल अफेक्टेड स्टेट है, कई बार पुलिस और सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर वहाँ हमले हो चुके हैं, ऐसे में अगर आप सिविलियन ड्रेस में इंकम टैक्स और साथ में सीआरपीएफ की वर्दी में सरकार और पुलिस को बताए बगैर वहाँ भेजोगे, तो क्या कल को कोई और हादसा नहीं हो सकता और क्या प्रधानमंत्री जी और अमित शाह जी उसके जिम्मेदार होंगे? कल को अगर इसी प्रकार की दुर्घटना हो जाए, ये बड़ा गंभीर विषय है, जो मैं देश के समक्ष रख रहा हूँ और बाबा साहब ने कहा था और उसके बाद पुनिया जी आपसे तफ्सील में इसके तथ्य देंगे।

and I quote, “…when we say that Constitution is a Federal Constitution, it means this, that the Provinces are as sovereign in their field which is left to them by the Constitution as the Centre is in the field which is assigned to it. In other words, barring the provisions which permit the Centre to override any legislation that may be passed by the Provinces, the Provinces have a plenary authority to make any law for the peace, order and good government of that Province. Now, when once the Constitution makes the provinces sovereign and gives them plenary powers to make any law for the peace, order and good government of the province, really speaking, the intervention of the Centre or any other authority must be deemed to be barred, because that would be an invasion of the sovereign authority of the province. That is a fundamental proposition” “ The invasion must not be an invasion which is wanton, arbitrary and unauthorised by law.”

मोदी जी, ये भूपेश बघेल या पीएल पुनिया जी नहीं कह रहे, ये इस देश के संविधान निर्माताओं में से एक, जिनका पूरा देश सम्मान करता है, ये बाबा साहब अम्बेडकर के शब्द हैं। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स को किसी प्रान्त के अधिकार क्षेत्र में जबरन भेजना, इससे जघन्य अपराध प्रजातंत्र के खिलाफ कोई हो ही नही सकता। आपने केवल संविधान को पांव तले ही नहीं रौंदा, आपने केवल संघीय ढांचे को ध्वस्त कर कूड़ेदान में ही नहीं फेंका, बल्कि मोदी जी, आपने इस देश के प्रजातंत्र पर हमला किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों ने एक भ्रष्ट सरकार को, भाजपा सरकार को बाहर का रास्ता दिखाया, जिसने अनेकों-अनेकों घोटाले किए। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा को जिस निर्दयता से भाजपा को बांटा, मोदी जी के चहेते उद्योगपतियों को, छ्त्तीसगढ़ में जिस प्रकार के घोटाले हुए आज जब एक ईमानदार सरकार उसकी जांच कर रही है, तो अब आप वहाँ की कानून व्यवस्था को भी अपने हाथ में लेना चाहते हैं। इससे बड़ी हिटलरशाही और क्या हो सकती है। ये देश भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की आपकी चाल को समझ गया है, प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री जी। अगर भ्रष्टाचार के तार दिल्ली के गलियारों या नागपुर की सीमा से जुड़े हैं तो वो भ्रष्टाचार के तार उजागर होने आवश्यक हैं और हम इसके लिए कटिबद्ध हैं। मैं अब आदरणीय श्री पीएल पुनिया जी, जो वरिष्ठ सांसद हैं, पार्लियामेंटेरियन हैं और छत्तीसगढ़ के प्रभारी हैं, वो आपसे अपनी बात रखेंगे।

श्री पीएल पुनिया ने कहा आदरणीय सुरजेवाला जी ने सभी तथ्यों पर विस्तार से आपके सामने बात रखी और मैं सिर्फ इतना जोड़ना चाहता हूँ, कि जो भी कार्यवाही हुई इंकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जो पिछले चार दिनों से चल रही है, वो विद्वेश पूर्ण है, वो अपना भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जगह-जगह पैसे का लेनदेन हुआ, पैसा पहुंचाया गया, उसकी आंच वहाँ तक न पहुंचे, जो जांच चल रही है, उससे बचने के लिए और जब उन्होंने देखा भारतीय जनता पार्टी का छत्तीसगढ़ से पूरा सफाया होता जा रहा है, तीन-चौथाई बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी और जनता ने उन्हें रिजेक्ट किया।

ये भी जानते हैं कि भूपेश बघेल सरकार, छ्त्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है, बहुत ऐतिसाहिक निर्णय सरकार ने लिए हैं। जो-जो इस बीच में चुनाव हुए, चाहे बाइइलेक्शन हुआ, चाहे नगरीय निकायों के चुनाव हुए, चाहे पंचायतों के चुनाव हुए, कांग्रेस पार्टी ने उन सभी में बहुत शानदार जीत हासिल की। दस मेयर में से दस के दस कांग्रेस पार्टी के जीते, अन्य स्थानीय निकायों में भी अस्सी फीसदी सीटों पर कांग्रेस पार्टी की विजय हुई। पंचायतों में भी इसी तरह से जनता ने भारतीय जनता पार्टी को एक सिरे से खारिज किया है और 27 जिला पंचायत अध्यक्षों में से 20 में कांग्रेस पार्टी के जिला पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। इस सब से घबराकर, परेशान हो कर भारतीय जनता पार्टी ने, केन्द्र सरकार ने एक सोची-समझी चाल के तहत ये सब पूरा कार्यवाही की है, उसे छिपाने के लिए और सीआरपीएफ को जिस तरह से लेकर आए, उसके बारे में अभी सुरजेवाला जी ने बताया।

मैं ये भी स्पष्ट करना चाहता हूँ कि चार दिन में जब रेड इन्होंने शुरु की पहले दिन, तो उसमें पूरी तरह से जो सीआरपीएफ के पहले कभी भी सीआरपीएफ को लेकर, साथ में लेकर नहीं आए, और स्टेट गवर्मेंट ने जब-जब भी इंकम टैक्स डिपार्टमेंट से सहयोग मांगा, तो सहयोग दिया गया। तो न तो जब कार्यवाही शुरु की उस दिन, हम मान सकते हैं कि उन्होंने सीक्रेसी बनाए रखने के लिए ऐसा किया, लेकिन चार दिन के बाद वो वहाँ से जाने लगे, तब भी जिला प्रशासन को, स्थानीय प्रशासन को कुछ नहीं बताया और जो ये सीधा-सीधा संघीय ढांचे पर हमला है, जैसा कि अभी सुरजेवाला जी ने बताया। 15 साल के बीजेपी की सरकार के दौरान भ्रष्टाचार की एक मॉडल भ्रष्टाचारी सरकार के रुप में रही है। अनेक घोटाले किए हैं। नान घोटाले के बारे में बताया 36 हजार करोड़ का और उसके अलावा चिटफंड घोटाला, 36 एफआईआर अभिषेक सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह के पुत्र उसके खिलाफ दर्ज हो चुकी हैँ।

अगस्ता हेलिकॉप्टर की खरीद में, राज्य सरकार ने अगस्ता हेलिकॉप्टर को झारखंड सरकार से 10 लाख यूएस डॉलर ज्यादा कीमत में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा खरीदा गया। यही हैलीकॉप्टर झारखंड और दूसरा छत्तीसगढ़ सरकार खरीदती है, 10 लाख यूएस डॉलर अलग से भ्रष्टाचार के नाम पर चढ़ जाता है और ये पैसा और अन्य जो घोटालों का पैसा वो विदेशों में जमा है। पनामा पेपर्स पर जब उनका नाम आने के बाद अभिषेक सिंह का, उनका एड्रेस भी, सब कुछ देते हुए… इसी तरह के आरोप लगे तो आईसलैंड के प्रधानमंत्री का इस्तीफा हुआ और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, इसी तरह के आरोप में आज जेल में है, वो आज भी जेल में है लेकिन बड़ी विडम्बना है, केन्द्र सरकार ने इस भ्रष्टाचार को जो ये पैसा, भ्रष्टाचार का पैसा वहाँ पहुँचा है, वर्जिन आईलैंड के बैंक में उसके ऊपर जांच भी नहीं हुई है। अनेक बार कांग्रेस पार्टी के द्वारा मांग उठाई गई, लेकिन एक सिरे से उनको खारिज कर दिया गया, वैसे घोटालों की लिस्ट बहुत लंबी है, 21 घोटालों की लिस्ट अभी है, जिसकी जांच चल रही है, जिसके खिलाफ कार्यवाही चल रही है, रमन सिंह जी के खुद उनके परिवार के खिलाफ, रमन सिंह के प्रमुख सचिव के खिलाफ, अभिषेक सिंह के खिलाफ, ये जांचे चल रही हैं और जैसा कि बताया इस भ्रष्टाचार का पैसा भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय, नागपुर और यहां तक कि जो पैसा, जो डायरी में मिला और ये भी बता दें कि ये डायरी अभी भूपेश बघेल जी की सरकार बनने के बाद नहीं मिली है, ये रमन सिंह की सरकार के दौरान नान घोटाले की डायरी का विवरण दिया है, वो उसी समय की है, जो पुलिस के हाथ लगी थी औऱ सार्वजनिक हुई और वो आज उपलब्ध है उसके आधार पर रमन सिंह और रमन सिंह के परिवार में पैसा दिया गया, नागपुर में पैसा दिया गया, भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में पैसा दिया गया, ये सब उस डायरी में उल्लेख है और इन सब घोटालों की वजह से, राजनीतिक दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से बेनकाब हुई।

15 साल के भ्रष्टाचार और जनहित की उपेक्षा करने के आरोप में जनता ने उन्हें एक सिरे से खारिज किया, रिजेक्ट किया है और कांग्रेस को विधानसभा में दो-चौथाई नहीं, तीन-चौथाई बहुमत से मैजोरिटी से ये सरकार बनी और भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद ऐतिहासिक काम किए। आपने बताया 11 हजार करोड़ किसानों का कर्ज माफ किया, 6 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त देकर 2,500 रुपए क्विंटल धान की खरीदी की और ये केन्द्र सरकार की अड़चन लगाने की नीति केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को कहा आप 2,500 रुपए प्रति क्विंटल धान नहीं खरीद सकते। अगर 2,500 रुपए धान की खरीद करेंगे, तो हम आपके पीडीएस में जो भी सपोर्ट है, वो कतई नहीं देंगे और जो एमएसपी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस के अंतर्गत जो खरीदी होती है, उसमें कोई सहयोग नहीं करेंगे। तरीका निकाला है, उनकी बात रखते हुए तरीका निकाला है किसान को 2,500 रुपए प्रति क्विंटल धान का दाम मिलेगा और आदिवासी क्षेत्रों के लिए, ग्रामीण क्षेत्रीय, नगरीय क्षेत्र सब जगह के लिए अनेक ऐतिहासिक निर्णय लेकर काम किया और हर व्यक्ति को ये लगता है कि हां, छत्तीसगढ़ में हमारी अपनी सरकार है। पहली बार ये लोगों को लगा है, जो आदिवासी लोग हैं, जो ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं, नगरीय क्षेत्र के लोग हैं। इसका सबूत इसलिए है कि सरकार बनने के बाद विधानसभा के दो उपचुनाव हए, दोनों उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की उसमें से एक सीट पहले से भारतीय जनता पार्टी के खाते में थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के खाते से वो छीन लिए। दोनों सीट, दोनों उपचुनाव कांग्रेस पार्टी ने जीते। नगरीय निकायों में भी मैंने उल्लेख किया 10 मेयर में से 10 के 10 मेयर कांग्रेस पार्टी के हुए। इसी तरह जिला पंचायत के अध्यक्ष 27 में से 20 में वो जीत हासिल की। अन्य नगरीय निकायों और पंचायतो में भी भारतीय जनता पार्टी को 15 से 20 प्रतिशत तक ही सफलता मिली है, बाकी नहीं मिली है।

पूरे देश में मंदी का दौर है, लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी की सरकार ने किसानों के हाथ में पैसा दिया, कर्ज माफ किया और ऐसे कल्याणकारी काम किए, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड है, छत्तीसगढ़ में जो मंदी का दौर है, उसका असर बहुत कम हुआ। ये पूरी कार्यवाही राजनीति से प्रेरित है।

उनको लगा कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से छत्तीसगढ़ से समाप्त हो रही है, आगे आने वाले समय में भी छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की कोई सरकार बनने की उम्मीद नहीं है। पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी वहाँ से साफ न हो जाए इसलिए इस सरकार को बदनाम करने के लिए, जो भ्रष्टाचार उन्होंने किया था, जिसकी जांच अग्रिम स्तर तक पहुँच चुकी है, उससे बचने के लिए, ध्यान हटाने के लिए, सरकार को डराने, धमकाने के लिए, browbeat करने के इरादे से ये सब पूरी कार्यवाही की है और जैसा कि आपने कहा इस कार्यवाही से राज्य सरकार, जो कि ईमानदारी से काम कर रही है, बहुत अच्छी तरह से जनहित में कार्य कर रही है, उनको डरने की आवश्यकता नहीं है और ये कार्यवाही, उनकी कार्यवाही, हम लोग एक प्रेरणा के रुप में देखेंगे और एक चुनौती के रुप में देखेंगे।

एक प्रश्न पर कि आप जो आरोप लगा रहें हैं कि छापेमारी असंवैधानिक तौर से की जा रही है, तो क्या आप कोर्ट का भी रुख करेंगे, श्री सुरजेवाला ने कहा कि हर संवैधानिक और कानूनी पहलू के बारे में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार राय लेकर उचित कार्यवाही करेगी। मैं एक उदाहरण आपको देना चाहता हूँ। दिल्ली की सरकार इतनी घबराई क्यों है? मोदी जी और शाह जी को किस बात से डर लग रहा है? क्या नान घोटाले की डायरियों के अंदर इतने राज जो खुद छ्त्तीसगढ की बीजेपी सरकार के समय में रेड में पकड़ी गई थी, इतने कौन से-कौन से राज हैं, कि ये सब लोग घबराए हैं? क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में खरीद फरोख्त करके तो आप उसे गिरा नहीं सकते, तीन-चौथाई बहुमत है, तो अब अपने गठबंधन सहयोगी इंकम टैक्स और उसके साथ जबरन बनाए हमारे जांबाज, जो फोर्स है सीआरपीएफ, दोनों का दुरुपयोग किया जा रहा है। फिर तो इस देश में कोई प्रान्तीय सरकार चल नहीं पाएगी, क्योंकि दिल्ली की सरकार को जब ये लगेगा कि उनके भ्रष्टाचार को उजागर किया जा रहा है, तो वहाँ पर सीआरपीएफ या किसी और फोर्स को भेजकर वहाँ की प्रान्तीय सरकार को डीस्टेब्लाइज कर देंगे, तो इस देश में प्रजातंत्र बचेगा ही कैसे? तो इसीलिए मैंने कहा, मोदी जी का नया नारा होना चाहिए, ‘अबकी बार हिटलरशाही सरकार’, ‘अबकी बार भाजपा के भ्रष्टाचार से बचाओ यार’। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।

एक अन्य प्रश्न पर कि ये खबर भी आ रही है कि एक सफाईकर्मी के घर पर भी छापा मारा गया, जहाँ से महज 1,800 रुपए बरामद हुए, इसके बारे में क्या कहना है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि आदरणीय मित्र, मुझे नहीं पता, ये तो इंकम टैक्स विभाग को मालूम होगा पर एक बात समझिए मोदी जी और मोदी जी के गठबंधन सहयोगी, मोदी-शाह के गठबंधन सहयोगी कौन हैं? एक है सीबीआई, एक है डीआरआई, एक है इंकम टैक्स और अब उन्होंने जबरन सीआरपीएफ को भी अपना गठबंधन सहयोगी बनाने का कुत्सित प्रयास किया है। अगर ये खबर सही है, जैसा आपने फर्माया किसी सफाई कर्मचारी के घर में 1,800 रुपए के लिए इंकम टैक्स की रेड करना, और सीआरपीएफ को वहाँ भेजना, जब दिल्ली जल रही थी, ये कौन सा कानून व्यवस्था है, और वो भी प्रान्तीय सरकार को सूचित किए बगैर? या तो प्रान्तीय सरकार को सूचित किया गया हो और उन्होंने पुलिस देने से इंकार कर दिया हो, या प्रान्तीय सरकार जो है, या प्रान्त के अंदर दंगे हो रहे हैं, जो प्रान्तीय सरकार कंट्रोल करने में असक्षम रही, तो आप 355-56-57, 360 संविधान की धाराओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, पर यहां तो आप न प्रान्तीय सरकार को, न पुलिस को सूचित कर रहे और वहाँ आप पैरा मिलिट्री फोर्सेस भेज रहे हैं, ये देश चलेगा कैसे, सवाल ये है?

एक अन्य प्रश्न पर कि हमारे पत्रकार मित्र कह रहे हैं कि सफाईकर्मी के घर 1,800 रुपए मिले हैं, लेकिन इंकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्र बता रहे हैं, वहाँ की मीडिया को कि कई सौ करोड़ रुपए बरामद हुए हैं, क्या कहेंगे, श्री सुरजेवाला ने कहा कि आपको साधुवाद है, आपके प्रश्न के लिए। आप याद करिए ये एक नई व्हाट्सएप फेक यूनिवर्सिटी है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय से चलती है, उसका पूरा आधार ही सूत्र हैं। वो सूत्र कहाँ से आ रहे हैं? नागपुर से आ रहे हैं या प्रधानमंत्री जी के निवास से? अगर कुछ बरामद हुआ है तो इंकम टैक्स विभाग सामने आकर कहे, इसमें क्या है? सूत्र ही सूत्र क्यों चलते हैं, ये सूत्र नहीं, ये असूत्र हैं। ये सारी जो व्हाट्सएप की फेक यूनिवर्सिटी चलाई जाती है, याद करिए, जब पुलवामा के आरोपी को एनआईए की कोताही-लापरवाही और गृहमंत्रालय की नालायकी की वजह से जमानत मिल गई, तो सूत्रों ने एक फर्जी प्रेस रिलीज आपको जारी कर दिया। उस प्रेस रिलीज पर न वॉटर मार्क था, न वो एनआईए की वेबसाइट पर है, न वो पीआईबी की वेबसाइट पर है, न वो प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर है, न गृहमंत्रालय की वेबसाइट पर है, परंतु सब अखबारों से उसको सही खबर बनाकर छपवा दिया गया, ये वो कुसूत्र हैं, जो कर रहे हैं।

सच ये है, वो 36 हजार करोड़ का नान घोटाल और वो डायरी, जो भाजपा के शासन काल में पकड़ी गई थी, उसमें तारीख, समय, दिन और व्यक्ति चारों चीजें अंकित हैं, मैंने तो यहाँ जारी की थी। उस समय भूपेश जी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे, और टीएस सिंहदेव जी लीडर ऑफ अपोजीशन थे और उसमें बकायदा नाम लिखा था, मैंने पढ़कर बताया था कि इतना पैसा फलां जहाज से नागपुर गया। अब नागपुर में किसको भेज रहे थे आप भईया, कथित तौर से भ्रष्टाचार का पैसा, या दिल्ली आया भाजपा कार्यालय? तो इस कथित तौर की जब असली सच्चाई सामने आएगी, तो दिल्ली का सिंहासन भी डोलेगा और नागपुर का शासक भी बोलेगा, सच्चाई यही है।

HNS24 NEWS

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