November 22, 2024
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल

रायपुर : दिनांक18 अक्टूबर 2019। दुग्ध संघ में चल रहे भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायतों पर दुग्ध संघ के पूर्व महाप्रबंधक एस.एस. गहरवार द्वारा दी गयी सफाई को प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने उनकी बौखलाहट बताया है। भाजपा संगठन में दखल और भाजपा के पदाधिकारी होने के नाते रसिक परमार की नियुक्ति रमन सरकार ने दुग्ध संघ के अध्यक्ष के रूप में किया था। रमन सरकार के संरक्षण के कारण ही दुग्ध संघ और तत्कालीन महाप्रबंधक के खिलाफ की गयी दर्जनों प्रमाणिक शिकायतों की जांच नहीं की गयी, सारी शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल दी गयी। भाजपा सरकार में उच्चस्तरीय संपर्को और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह से संबंधों के चलते गहरवार और रसिक परमार ने अपने भ्रष्टाचार के विरूद्ध उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश की गयी है। गहरवार और दुग्ध संघ के अध्यक्ष रसिक परमार ने अपने प्रभाव का उपयोग कर अपने खिलाफ की गयी जांच रिपोर्ट को दबवा दिया था। जांच अधिकारी के.के. तिवारी को निलंबन की धमकी दी गयी। उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी करवाया गया। शिकायतकर्ता जे.एस. कुशवाहा को दुग्ध संघ की नौकरी से निकाल दिया गया। अपने स्पष्टीकरण में ही गहरवार ने यह स्वीकार कर लिया। उनके खिलाफ शिकायत करने वाले और जांच करने वाले अधिकारी को प्रताड़ित किया गया था। उनके खिलाफ शो-काज नोटिस जारी किया गया था। ऐसा भाजपा के रमन राज में ही संभव था कि जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की गयी उन्होंने ही जांच रिपोर्ट को खारिज कर जांच अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा कर दिया। दुग्ध संघ अध्यक्ष रसिक परमार निश्चिंत रहे अभी तक उनके खिलाफ जिन शिकायतों की जांच नहीं हुई, सबकी जांच होगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी होगी।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT