राज्य के दस जिलों में कक्षा 8वीं और 9वीं के बच्चों का स्तर सुधारने की पहल
HNS24 NEWS September 30, 2019 0 COMMENTSरायपुर, : दिनांक 30 सितंबर 2019/ राज्य के दस जिलों बीजापुर, कांकेर, महासमुन्द, गरियाबंद, बलौदाबाजार, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा जिलों में कक्षा 8वीं और 9वीं के बच्चों में अधिगम में सुधार लाने के लिए निखार कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत दस जिलों के 7 हजार 223 स्कूल, 28 हजार 892 शिक्षक और 3 लाख 79 हजार 158 विद्यार्थी है। इसमें 2 हजार 26 सेकेण्डरी स्कूल स्तर के 8 हजार 104 शिक्षक और एक लाख 96 हजार 890 विद्यार्थी है। इसी प्रकार प्रारंभिक स्तर पर 5 हजार 197 स्कूल के 20 हजार 788 शिक्षक और एक लाख 82 हजार 268 विद्यार्थी शामिल है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की उपस्थिति में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी योजना के प्रस्तुतिकरण के दौरान दी गई।
इसका सकारात्मक पहलू यह रहा कि उपचारात्मक शिक्षण के लिए पहली बार व्यवस्थित कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिक्षकों के लिए शिक्षक संदर्शिका और बच्चों के लिए अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यक्रम क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई। कार्यक्रम के प्रभाव को जानने के लिए बेसलाइन और एण्डलाइन टेस्ट लिया गया। शिक्षकों के पास विभिन्न अवधारणाओं को समझने के लिए रोचक गतिविधियां की गई। कार्यक्रम की मॉनिटरिंग मोबाइल से की गई। विभिन्न चरण की मॉनिटरिंग के लिए विभिन्न स्तरों पर शालाओं का अवलोकन किया गया। एक-दूसरे से सीखने के लिए बेहतर अवसर के माध्यम से सिखना स्थायी कर पाना सम्भव हुआ।
आगामी चरण में इस कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिया गया कि इस कार्यक्रम को कक्षा 6वीं से प्रारंभ किया जाना बेहतर होगा। प्रारंभ में लघु अवधि के फाउंडेशन कोर्स के बाद आगामी कोर्स को वर्तमान कक्षा के पाठों के साथ मिलकर पढ़ाए जाने की व्यवस्था की जाए। पूर्व अवधारणों को स्पष्ट करने के लिए कम अवधि के पाठ्यक्रम संचालित किए जाए और इसकी पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाए। पुस्तकालय में बच्चों को अवधारणा समझ के लिए आवश्यक साम्रगी दी जाए।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत सबसे पहले कक्षा 8वीं और 9वीं के सभी बच्चों का एक बेसलाइन टेस्ट लिया गया। बेसलाइन में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों पर समावेश किया गया। बेसलाइन टेस्ट में विभिन्न विषयों के प्रश्न पत्रों को तीन स्तरीय में बाटा गया। पहले स्तर में कक्षा तीन तक, दूसरे स्तर में कक्षा पांच और तीसरे स्तर में कक्षा सात तक प्रश्न लिए गए। प्रत्येक स्तर पर 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को उस स्तर पर लर्निंग आउटकम की संप्राप्ति हासिल होना तय किया गया। प्रत्येक बच्चे के इन तीनों स्तर पर प्राप्त अंको की प्रविष्टि मोबाइल एप पर की गई।
बच्चों की मूलभूत अवधारणाओं को समझने कक्षा 8वीं और 9 वीं बच्चों के साथ 18 दिनों का फाउंडेशन कार्स आयोजित किया गया। इसमें हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों में एक-एक घंटे की कक्षा आयोजन किया गया और बच्चों से अभ्यास पुस्तिकाओं में कार्य करवाया गया।
शिक्षकों को दो दिनों का प्रशिक्षण देने के बाद कक्षा 8वीं और 9वीं के सभी बच्चों के साथ 45 दिनों का सहयोगात्मक अधिगम चरण का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों में 45-45 मिनट की नियमित कक्षा का आयोजन होगा। प्रतिदिन क्या किया जाना है और बच्चों के साथ किन मुद्दों पर अभ्यास किया जाएगा, इसका पूर्ण विवरण संदर्शिका में उपलब्ध कराया जाएगा।
तीसरे चरण में परीक्षा के तैयारी के लिए छह दिनों का समापन कैम्प आयोजित किया जाएगा। इस चरण में भी अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों में 45-45 मिनट की नियमित कक्षा का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों का हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों में एण्ड लाइन टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। बेसलाइन और एण्डलाइन के परिणामों के आधार पर कार्यक्रम के माध्यम से सुधार पर जानकारी एकत्र की जाएगी। इस बीच में लगातार कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
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