April 19, 2025
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 चित्रा पटेल :  उत्तर प्रदेश : दिनांक 25अक्टूबर 2019, सपने देखना कोई गुनाह नही है हम जभी अपनी इक्षाओं को पाने की कोशिश करते है सपने  हमेशा साथ मे रहती है….ऐसी ही कहानी है उतरप्रदेश के एक छोटे से शहर इटावा की जूही श्रीवास्त उम्र 21वर्ष ने अपने साथ साथ न जाने कितने सपनों को लेकर जीने की लालसा को आगे बढ़ाया..

पढ़ाई लिखाई में अव्वल होने के बाद भी जूही की आर्थिक स्थिति ने आगे की पढ़ाई को विराम सा लगा दिया… कहते है कि अगर जेब मे पैसे हो और सपने बड़े हो तो जीने का मज़ा ही अलग होता है महज पांच सौ रुपए की वजह से जूही को इंग्लिश मीडियम स्कूल से राजकीय विद्यालय में पढ़ने को मजबूर होना पड़ा…. खैर जैसे तैसे आगे की पढ़ाई को जूही ने पूरा किया और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने में लग गयी…. आप सोच सकते हो जिस परिवार की आर्थिक स्थिति बद से भी बद्तर हो वो परिवार जिसमे पांच भाई और बहन हो, कैसे शिक्षा को  बेहाहतर जिंदगी को जी सकते थे…इंग्लिश मीडियम से अचानक हिंदी में आकर अपने आप को बोर्ड परीक्षा में स्कूल टॉपर तक कि सफर में जूही ने ये दिखा दिया कि पैसे भले ही हमारी इक्षाओं को मार सकती है लेकिन हमारा ज्ञान और सोच को नहीं…सपनों ने ये बता दिया था जीना तो आपको है लेकिन जिस परिवार के पास 500 रुपये नहीं थे स्कूल फीस भरने के लिए वे परिवार आगे की पढ़ाई को कैसे पूरा कर सकती थी…. स्कूल टॉपर होने के बाद भी जूही की आगे बढ़ने की उम्मीद लगातार खत्म होता नजर आ रहा था….आंखों में मॉडल बनने के सपने और परिवार की आर्थिक स्थिति ने जूही को इटावा जैसे छोटे शहर से भोपाल की लाइट लाइम में आने को मजबूर कर दिया….जेब मे पैसे नहीं रहने को जगह नही फिर भी जूही ने हिम्मत नहीं हारी और चल दी अपने मंजिल की तरफ…

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HNS24 NEWS

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